पीएम मोदी की आर्थिक सलाहकार गोयल ने उठाए आत्मनिर्भर राहत पैकेज पर सवाल

नई दिल्ली
कोरोना वायरस संकट से देश की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए सरकार ने मई के दूसरे सप्ताह में 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज  की घोषणा की थी। इस पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने चरणों में पूरी जानकारी दी, जिसके बाद से ही इसकी आलोचना की जा रही है। अब प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा है कि राहत पैकेज में और सुधार की गुंजाइश है।

डिमांड और सप्लाई में तालमेल जरूरी
उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार को मांग को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐड इंडस्ट्री की एक वर्चुअल को संबोधित करते हुए कहा, 'आर्थिक पैकेज अपने आप में हर तरह से पूर्ण नहीं है। पैकेज में खामियां दूर कर इसे बेहतर बनाने की गुंजाइश है।' प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद की पार्ट टाइम मेंबर गोयल ने कहा कि ज्यादातर राहत पैकेज वित्तीय क्षेत्र से जुड़े हैं और 'अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए मांग और सप्लाई का तालमेल बहुत जरूरी है।'
 
21 लाख करोड़ का था राहत पैकेज
सरकार ने पिछले महीने 20.97 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था, जिसमें आरबीआई के 8.01 लाख करोड़ रुपये के नकदी उपाय शामिल हैं। भारत की वृद्धि को पुनर्जीवित करने पर गोयल ने कहा कि कोविड-19 महामारी अर्थव्यवस्था के लिए एक अस्थाई झटका है। उन्होंने कहा कि जब ह्यूमन कैपिटल बरकरार रहता है तो वास्तविक झटके के बाद तेजी से सुधार देखने को मिलता है।

चालू वित्त वर्ष में गिरावट का पूरा अनुमान
भारतीय अर्थव्यवस्था 2019-20 में 4.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो पिछले 11 वर्षों में इसकी सबसे धीमी रफ्तार है। तमाम एजेंसियों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष यानी 2020-21 में भारत की जीडीपी में संकुचन होगा। अलग-अलग एजेंसियों का अनुमान जीडीपी में 3-5 फीसद तक गिरावट का है।
 
विदेशी मुद्रा भंडार उधार के भंडार
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार के 500 अरब डॉलर के पार पहुंचने पर गोयल ने कहा, 'हमारे विदेशी मुद्रा भंडार उधार के भंडार हैं। विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका निवेश आकर्षित करना है।'

MSMEs के लिए 3 लाख करोड़ का ऐलान
आत्मनिर्भर पैकेज के एक पहलू पर गौर करें तो सरकार ने MSME सेक्टर को हर तरह से मदद की पूरी कोशिश की है। इस सेक्टर के लिए 3 लाख करोड़ रुपये गारंटी फ्री लोन की घोषणा की गई, लेकिन MSMEs को उस हिसाब से लोन बांटे नहीं जा रहे हैं। सरकार यह लगातार अपील कर रही है कि इस लोन की गारंटी मेरी है, इसके बावजूद बैंक लोन देने में आनाकानी कर रहे हैं।

MSMEs को अब तक केवल 12,200 करोड़ का लोन बांटा गया
बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने शनिवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान शुरू होने के 14 दिनों के भीतर आपातकालीन कर्ज सुविधा गारंटी योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने MSMEs को 24,260 करोड़ रूपये का कर्ज मंजूर किया है। 11 जून को वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा था कि 9 जून तक MSMEs को 12,200 करोड़ का लोन बांटा जा चुका है।
 

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