पीएफआई ने लखनऊ समेत यूपी के कई जिलों में भड़काई थी हिंसा, तीन गिरफ्तार

 लखनऊ                                                                                                      
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में लखनऊ समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों में हिंसा भड़काने की पटकथा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने लिखी थी। सोमवार को लखनऊ पुलिस ने पीएफआई की इस साजिश का पर्दाफाश करते हुए संगठन के स्टेट हेड वसीम अहमद समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि प्रदेश के मुजफ्फरनगर, शामली, मेरठ समेत 11 जिलों में पीएफआई सक्रिय रही। इन जिलों में हिंसा में भी उसकी सक्रिय भूमिका रही।

लंबे समय से यूपी में पैठ जमाने की जुगत में भिड़े इस संगठन के सदस्यों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ सोशल मीडिया पर विशेष अभियान चलाकर लोगों में भ्रम फैलाया। इसके बाद विभिन्न संगठनों के साथ बैठक करके हिंसा की साजिश का ताना बना बुना था। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि वसीम अहमद इंदिरानगर के ए-ब्लॉक में विकास भवन के पास रहता है। गुरुवार को परिवर्तन चौक, खदरा व हुसैनाबाद के पास हुए हिंसक प्रदर्शन के अगले दिन 20 दिसम्बर को पुलिस ने वसीम अहमद को गिरफ्तार किया था। शुरुआती पूछताछ में वसीम ने अपनी पहचान छुपाने की कोशिश की और पीएफआई से कोई नाता न होने का दावा किया था।

कॉल डिटेल से हुआ यूपी हेड होने का खुलासा
पुलिस ने जब कॉल डिटेल व अन्य तथ्य खंगाले गए तो वसीम का झूठ बेनकाब हो गया। पता चला कि वसीम पीएफआई का यूपी हेड है। उसने संगठन के अन्य सदस्यों की मदद से विरोध को हवा देकर हिंसा भड़काई थी।
 
डिवीजन प्रेसिडेंट व कोषाध्यक्ष भी धरे गए
वसीम से पूछताछ के बाद सोमवार को पुलिस ने बाराबंकी के कुर्सी थानाक्षेत्र के बरौली निवासी नदीम और रामनगर के इब्राहिमपुर निवासी असफाक को गिरफ्तार किया। एसएसपी ने बताया कि असफाक पीएफआई का डिवीजन प्रेसिडेंट है जबकि गिरफ्तार किया गया नदीम पीएफआई का प्रदेश कोषाध्यक्ष है। अशफाक के कार्यक्षेत्र में बहराइच, गोण्डा, श्रावस्ती और बाराबंकी जनपद हैं।

प्रदर्शन के लिए जुटाया फंड 
एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से संगठन के फंड से सम्बंधित डायरी व अभिलेख मिले हैं। नदीम ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि संगठन ने प्रदर्शन के लिए फंड जुटाया था। 19 दिसम्बर को लखनऊ समेत प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हुए विरोध-प्रदर्शन के लिए पीएफआई ने अपने कोष से रुपये खर्च किए थे। इन रुपयों से सीएए और एनआरसी के विरुद्ध बैनर, पोस्टर, झंडे व तख्तियां बनवाए गए थे। शामली व मुजफ्फरनगर में रुपये भेजने के पुलिस को प्रमाण मिले हैं।

बैनर-पोस्टर समेत अन्य सामान बरामद 
सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्रा ने बताया कि असफाक और नदीम के पास से 26 तख्ती, 29 झंडे, 100 पैम्प फ्लेट्स व 36 पेपर कटिंग बरामद हुई हैं, जिनमें सीएबी व एनआरसी के विरोध प्रदर्शन को लेकर आह्वान किया गया है। इसके अलावा उनके पास से अयोध्या विवाद, बाबरी मस्जिद, आतंकवाद (भ्रम और सत्य) व जनवादी अधिकार आंदोलनों से जुड़े साहित्य की कई पुस्तकें मिली हैं। अधिकारियों का दावा है कि संगठन ने पश्चिम यूपी के कई इलाकों में भी हिंसा भड़काई थी। आरोपियों से पूछताछ में अन्य लोगों के नाम उजागर हुए हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। 

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