पायलट प्रोजेक्ट: जहाँ से अनाज खरीदी केंद्र से ही राशनकार्डधारकों को वितरण की व्यवस्था

भोपाल
प्रदेश के किसानों की मुश्किलें आसान करने राज्य सरकार मध्यप्रदेश में एक नई योजना लागू करने जा रही है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले इसे दो सौ स्थानों पर लागू किया जाएगा। इसके तहत किसानों से समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदी ब्लॉक स्तर पर की जाएगी। जहां खरीदी होगी वहीं से राशनकार्डधारकों को वितरण की व्यवस्था भी की जाएगी। इस योजना का नाम संभव या भविष्य योजना रखा जा सकता है।

अभी तक राज्य सरकार किसानों से गेहूं और अन्य मोटे अनाज की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए प्राथमिक कृषि सहकारी साख समितियों और विपणन सहकारी समितियों के जरिए खरीदी केन्द्र बनाकर करती है। लेकिन इसमें कई गांवों को एक ही खरीदी केन्द्र पर अनाज खरीदी के लिए एसएमएस किए जाते है। खरीदी केन्द्रों पर भी लंबी कतारें लगती है। खरीदी में समय लगता है जिसके चलते अनाज ट्रालियों पर लेकर किसानों को कई दिनों तक अपनी बारी आने का इंतजार भी करना पड़ता है। उन्हें ट्राली का किराया भुगतना होता है और अनाज की चौकीदारी की भी व्यवस्था करना होता है। इससे किसानों को परेशान होना पड़ता है। इसलिए अब राज्य सरकार संभव योजना ला रही है। इस योजना को प्रथम चरण में ग्राम पंचायत स्तर पर दो सौ स्थानों पर शुरु किया जाएगा। इसके बाद सभी ग्राम पंचायतों में इसे लागू किया जाएगा।

राज्य सरकार संभव योजना के तहत गांवों में किसानों के गांव में खेतों के समीप ही खरीदी की व्यवस्था करेगी। जहां खरीदी केन्द्र होगा वहीं अनाज संग्रहण के लिए गोदाम की भी व्यवस्था होगी और  वहीं राशन की दुकाने भी संचालित की जाएंगी ताकि खरीदने के बाद वहीं आमनागरिकों को वहीं से राशन का वितरण करने की व्यवस्था भी की जाएगी।

अनाज उपार्जन के दौरान खरीदी केन्द्रों पर इस बार राज्य सरकार की ओर से अनाज ग्रेडिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। किसानों को इसके लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। अनाज छानने, उसकी ग्रेडिंग करने के लिए छलना और अन्य व्यवस्थाएं लागू की जाएंगी। किसान अपना अनाज लेकर आएगा। सरकार उसे साफ कर छानने की व्यवस्था करेगी। ग्रेडिंग कर फिर किसानों से अनाज लिया जाएगा।

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