पात्रा की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट से रोक
बिलासपुर
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ रायपुर पुलिस में दर्ज शिकायत के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए आज हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी और किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है। इस मामले में शासन से चार सप्ताह में जवाब मांगा गया है।
पात्रा के खिलाफ युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पूर्णचंद्र पाढ़ी व एनएसयूआई के अंकुश पिल्लई ने रायपुर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पात्रा को बयान देने के लिए तीन बार नोटिस जारी किया गया था। उन्हें सिविल लाइंस थाने में बयान देने के लिए पहुंचने की नोटिस दी गई थी। पात्रा ने कोरोना संकट का हवाला देते हुए पुलिस के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थता जताई थी। पाढ़ी ने पुलिस में शिकायत की थी कि पात्रा ने 10 मई को ट्वीट करके दो पूर्व प्रधानमंत्रियों पं. जवाहर लाल नेहरू और राजीव गांधी पर कश्मीर मसले, 1984 सिख दंगों और बोफोर्स घोटाले को लेकर झूठा आरोप लगाया था, जबकि दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों को किसी न्यायालय ने भ्रष्टाचार और दंगों से संबंधित किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया है। पात्रा की ओर से एफआईआर रद्द करने की मांग पर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसकी जस्टिस संजय के. अग्रवाल की कोर्ट में आज सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता ने कोरोना संकट का हवाला देते हुए राहत की मांग की थी।