पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में उठाया कश्मीर मुद्दा, भारत ने दिया करारा जवाब 

 जेनेवा 
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में कश्मीर का मुद्दा उठाने को लेकर भारत ने सोमवार को पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। भारत ने पाकिस्तान को अपने गिरेबान में झांकने को कहा और इस बात पर चिंता जताई कि मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाने वाला पाक किस तरह दूसरों पर आरोप लगाने का दुस्साहस करता है।

यूएनएचआरसी के 43वें सत्र में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने पर राइट टु रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए भारत के स्थायी मिशन के फर्स्ट सेक्रेटरी सेंथिल कुमार ने कहा कि पाकिस्तान फोरम का गलत इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पड़ोसी देश दूसरों को अनचाही सलाह देने से पहले अपने देश में मानवाधिकारों की गंभीर स्थिति का आत्‍म-निरीक्षण करने को कहा। 

पाकिस्तान में मानवता के खिलाफ हो रहे अपराधों की ओर काउंसिल का ध्यान खींचते हुए भारत ने कहा कि बलोचिस्तान में लोगों को गायब कर देना, राज्य हिंसा, लोगों को पलायन के लिए मजबूर करना, राज्य द्वारा लोगों की हत्याएं, सैन्य ऑपरेशन, डिटेंशन सेंटर और मिलिट्री कैंप्स आम बात है। 

यह दोहराते हुए कि पिछले साल अगस्त में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का कोई बाहरी प्रभाव नहीं है, कुमार ने कहा कि शांति और समृद्धि को पटरी से उतारने की पाकिस्तान की नापाक कोशिश के बावजूद लोग आगे बढ़ चुके हैं। 

भारत ने कहा, ''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने पहले की तरह मानवाधिकार आयोग और इसके तंत्र का गलत इस्तेमाल कर रहा है। यह गंभीर चिंता का विषय है कि साउथ एशिया में राज्य प्रायोजित नरसंहार करने वाला एक मात्र देश दूसरों पर आरोप लगाने का दुस्साहस करता है।'' भारत ने आगे कहा, ''सवाल यह है कि एक देश जिसके साख पर गंभीर संकट है वह मानवाधिकार की बात करेगा। '' ॉ

यह देश धार्मिक कट्टरवाद और खून-खराबे से निकला और इसके इतिहास में हत्याओं, तख्तापलट और कठपुतलियों का खेल (पाक सरकार सेना की कठपुलती) है।कुमार ने बताया कि किस तरह पाकिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने बताया कि किस तरह पाकिस्तान में ईशनिंदा के जरिए अल्पसंख्यकों को आतंकित किया जा रहा है। उन्होंने उदाहरण दिया कि किस तरह इस कानून के जरिए लोगों को टारगेट किया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *