पाकिस्तान की हालत और होगी खस्ता, वर्ल्ड बैंक ने कहा- 2.7% तक सिमट जाएगा GDP ग्रोथ

कराची

खस्ताहाल अर्थव्यवस्था से परेशान पाकिस्तान की इमरान सरकार की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं. वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था की हालत अभी और बिगड़ेगी, तथा वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान उसकी जीडीपी में बढ़त दर गिरकर 2.7 फीसदी ही रह जाएगी. वर्ल्ड बैंक ने यह भी चेताया है कि वित्त वर्ष 2020 में महंगाई बढ़कर 13.5 फीसदी तक पहुंच सकती है.

गौरतलब है कि साल 2017-18 में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में 5.8 फीसदी की बढ़त हुई थी जो कि पिछले 11 साल का शीर्ष स्तर था. विश्व बैंक के अनुसार इसके बाद के दो वर्षों में पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी. पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक वर्ल्ड बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में पाकिस्तान की जीडीपी में बढ़त महज 3.4 फीसदी रहेगी और सरकार द्वारा वित्तीय और मौद्रिक नीतियों में सख्ती बरते जाने की वजह से इसके अगले वित्त वर्ष यानी 2019-20 में ग्रोथ रेट महज 2.7 फीसदी रह जाएगी. विश्व बैंक की साउथ एशिया इकोनॉमिक फोकस रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

गौरतलब है कुछ दिनों पहले ही संयुक्त राष्ट्र और एशियाई विकास बैंक ने भी पाकिस्तान की साल 2019 में जीडीपी बढ़त को लेकर काफी निराशाजनक तस्वीर पेश की थी. विश्व बैंक ने कहा है कि पाकिस्तान में घरेलू मांग में तो कमी आने की आशंका है ही, निर्यात में भी धीरे-धीरे कमी आएगी. वर्ल्ड बैंक ने कहा कि अब कुछ अपरिहार्य संरचनात्मक सुधारों के द्वारा ही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को बचाया जा सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि मैक्रो इकोनॉमिक दशाओं में सुधार किया जाए, वित्तीय प्रबंधन और प्रतिस्पर्धात्मकता में संरचनात्मक सुधारों को लागू किया जाए तो वित्त वर्ष 2021 में पाकिस्तान की जीडीपी दर फिर से 4 फीसदी तक पहुंच सकती है.

13.5 फीसदी तक पहुंचेगी महंगाई

वर्ल्ड बैंक ने चेताया है कि वित्त वर्ष 2019 में पाकिस्तान में महंगाई दर बढ़कर औसतन 7.1 फीसदी और वित्त वर्ष 2020 में बढ़कर 13.5 फीसदी तक पहुंच सकती है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे दक्ष‍िण एशिया में पिछले दो साल में निर्यात की तुलना में आयात ज्यादा हुआ है.

गौरतलब है कि यूनाइटेड नेशन्स ऐंड सोशल कमीशन फॉर एशिया ऐंड द पैसिफिक' (ESCAP) ने गुरुवार को पाकिस्तान की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की भविष्यवाणी करते हुए बताया कि 2019 में इसकी जीडीपी वृद्धि दर भारत, बांग्लादेश, मालदीव और नेपाल से बहुत नीचे रहने वाली है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बड़े वित्तीय और चालू अकाउंट घाटे के बीच भुगतान असंतुलन संकट का सामना कर रही है. पाकिस्तान की करेंसी पर दबाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है. एडीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान की विस्तारवादी राजकोषीय नीति ने बजट और चालू खाते के घाटे को व्यापक रूप से बढ़ाया और विदेशी मुद्रा का भारी नुकसान किया है.

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