जेट एयरवेज की हिस्सेदारी खरीदने के लिए सामने आए कर्मचारी

 
नई दिल्ली

 नकदी संकट के कारण ‘अस्थायी रूप से' सेवा बंद चुकी निजी विमान सेवा कंपनी जेट एयरवेज की हिस्सेदारी खरीदने के लिए कर्मचारियों के यूनियन सामने आए हैं और इसके लिए उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को पत्र लिखकर मौका मांगा है।

सोसाइटी फॉर वेलफेयर ऑफ इंडियन पायलट्स और जेट एयरक्राफ्ट मेन्टेनेंस इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने एसबीआई अध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा, ‘‘हम कर्मचारियों और बाहरी निवेशक के कंसोटिर्यम को बोली लगाने की अनुमति देने की मांग करते हैं ताकि वह जेट एयरवेज का प्रबंधन अपने हाथों में ले सके।'' इस पत्र पर जेट एयरवेज के मानव संसाधन विभाग के प्रबंधक बी.बी. सिंह और उसकी सहायक कंपनी जेट लाइट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (परिचालन) तथा लेखा प्रबंधक कैप्टन पी.पी. सिंह के भी हस्ताक्षर हैं।
 
उल्लेखनीय है कि बैंकों का कर्ज लौटाने में पिछले साल दिसंबर से ही विफल रही कंपनी को कर्ज देने वाले आठ घरेलू बैंकों के एसबीआई के तेतृत्व वाले कंसोटिर्यम ने एयरलाइन की हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली प्रक्रिया आरंभ कर दी है। तकनीकी बोली जमा कराने की अंतिम तिथि 12 अप्रैल थी और उसके आधार पर चयनित चार संभावित खरीददारों से वित्तीय बोली आमंत्रित की गयी है जिसे जमा कराने की अंतिम तारीख 30 अप्रैल है। 
 

कर्मचारी संगठनों ने पत्र में लिखा, ‘‘हमारा प्राथमिक लक्ष्य जेट एयरवेज ब्रांड को बचाना है। प्रबंधन टीम में आमूलचूल बदलाव की जरूरत है। इसलिए हमारा आपसे आग्रह है कि आप ‘‘कर्मचारियों के कंसोटिर्यम'' के विकल्प पर विचार करें और प्राथमिक चर्चा के लिए हमें आमंत्रित करें।'' विमान रख-रखाव अभियंताओं के संगठन के एक सूत्र ने बताया कि एक-दो बाहरी निवेशकों से मिलकर कंसोटिर्यम बनाने के बारे में बात चल रही है, हालांकि अभी यह तय नहीं हो सका है कि हम किसके साथ कंसोटिर्यम को अंतिम रूप देंगे। संगठनों ने कहा है कि बाहरी निवेशक से उन्हें 3,000 करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है जबकि ‘इम्प्लॉई स्टॉक ओनरशिप कार्यक्रम' से अगले 5 साल में कर्मचारियों के भविष्य के वेतन से 4,000 करोड़ रुपए जुटाए जा सकते हैं।  
 

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