पाकिस्तान की खीझ, भारत पर लगाया एफएटीएफ के जरिए राजनीति करने का आरोप

इस्लामाबाद    
पाकिस्तान ने धन शोधन तथा आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के कार्यबल (एफएटीएफ) की फ्लोरिडा में हुई बैठक में भारत के ऊपर प्रक्रिया का राजनीतिकरण करने का शनिवार को आरोप लगाया। पाकिस्तान ने कहा कि भारत ने एफएटीएफ की हाल ही में हुई बैठक में संकुचित और पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया।

एफएटीएफ ने इस बैठक में पाकिस्तान को 'संदिग्ध' सूची में बरकरार रखने का निर्णय लिया है। आतंकवादी समूहों के वित्तपोषण पर रोक लगाने में असफल रहने वाले देशों को एफएटीएफ की 'संदिग्ध सूची में रखा जाता है। एफएटीएफ ने सप्ताह भर चली बैठक में पाकिस्तान को अपनी जमीन पर आतंकवाद को प्रश्रय देने तथा आतंकवाद के वित्त पोषण को रोकने से संबंधित वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिये भरोसेमंद, प्रमाणित किये जाने योग्य तथा टिकाऊ कदम उठाने को भी कहा।

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को पिछले साल जून में 'संदिग्ध' सूची में शामिल किया था। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, ''हम एफएटीएफ की रिपोर्ट से संबंधित भारत के बयान को निरर्थक और अवांछनीय मानते हैं। यह एफएटीएफ के निर्णय को अपने संकुचित और पक्षपातपूर्ण उद्देश्यों के लिये राजनीतिक बनाने के भारत के प्रयासों का एक नया उदाहरण है।"

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने यह बयान उन खबरों के आलोक में दिया है जिनमें दावा किया गया है कि भारत ने ओरलांडो में हुए प्राथमिक सत्र में पाकिस्तान को काली सूची में डालने पर जोर दिया था। बयान में कहा गया, ''हम उम्मीद करते हैं कि एफएटीएफ के सदस्य देश भारत द्वारा एफएटीएफ की प्रक्रियाओं के राजनीतिकरण की जारी कोशिश का संज्ञान लेंगे और इसे खारिज करेंगे।"

भारत ने शनिवार को कहा कि वह पाकिस्तान से आशा करता है कि वह एफएटीएफ कार्य योजना को सितंबर तक प्रभावी तरीके से लागू करेगा और उसकी धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद तथा आतंकी वित्त पोषण संबंधी वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए ठोस, सत्यापन योग्य और अपरिवर्तनीय कदम उठाएगा।

एफएटीएफ रिपोर्ट के संबंध में मीडिया के सवालों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि एफएटीएफ ने तय किया है कि जनवरी और मई 2019 के लिए तय कार्य योजना को लागू करने में पाकिस्तान की असफलता के मद्देनजर उसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (आईसीआरजी) की 'ग्रे' सूची में रहने दिया जाए।

उन्होंने कहा, ''हम पाकिस्तान से आशा करते हैं कि वह बचे हुए समय में, सितंबर 2019 तक एफएटीएफ कार्ययोजना को पूर्ण और प्रभावी तरीके से लागू करेगा। उसने एफएटीएफ से राजनीतिक वादा किया था कि वह अपनी धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद तथा आतंकी वित्त पोषण संबंधी वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए ठोस, सत्यापन योग्य, अपरिवर्तनीय और विश्वसनीय कदम उठाएगा।"

पेरिस स्थित वैश्विक संगठन एफएटीएफ आतंकी वित्त पोषण और धन शोधन को कम करने के लिए काम कर रहा है और उसने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की देश में गतिविधियों का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए कहा है।

 

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