पांचवी पंक्ति में सीट मिलने से नाराज पवार नहीं पहुंचे शपथ ग्रहण कार्यक्रम में

मुंबई
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के शपथ समारोह में महाराष्ट्र की ओर से शिवसेना अध्यक्ष उध्दव ठाकरे अपने पूरे परिवार के साथ दिखाई दिए। ठाकरे के अलावा मुंबई और महाराष्ट्र से काफी हस्तियां थीं, लेकिन एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का दिखाई न देना आश्चर्य की बात मानी जा रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मुख्यमंत्रियों की कतार में दिखाई दिए। महाराष्ट्र की तरफ से इस बार वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु नदारद रहे।

राज्य की तरह से मंत्रिमंडल में दोबारा शामिल न किए जाने वालों में प्रभु के अलावा धुले से बीजेपी सांसद और पिछली सरकार में रक्षा राज्य मंत्री रहे सुभाष भामरे हैं। 2014 में पीएम मोदी ने सुरेश प्रभु को मुंबई से दिल्ली बुलाकर सीधे रेल मंत्री बनाया था। उस वक्त प्रभु शिवसेना में थे। ऐसे में उन्हें पहले बीजेपी में शामिल किया गया। बढ़ते रेल हादसों के चलते प्रभु को रेल मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और उनकी जगह पीयूष गोयल को रेल मंत्री बनाया गया। अटल बिहारी सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे सुरेश प्रभु ने अपने काम की छाप छोड़ी थी।

उधर, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में 'तय प्रोटोकॉल' के अनुरूप सीट नहीं मिलने के कारण शामिल नहीं हुए। पार्टी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पवार वरिष्ठ राष्ट्रीय नेता हैं और वह मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि पवार के कार्यालय कर्मियों ने पाया कि पवार को बैठने के लिए जो सीट दी गई है वह प्रोटोकॉल के अनुसार नहीं है। उन्होंने कहा कि पवार के कार्यालय कर्मियों ने पाया कि पवार को बैठने के लिए जो सीट दी गई है वह प्रोटोकॉल के अनुसार नहीं है। इसलिए वह (शरद पवार) कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इस 78 वर्षीय नेता को पांचवीं पंक्ति में सीट दी गई थी।

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