पहले भाजपा और अब कांग्रेस पूछ रही है- ‘तुम्हारा दूल्हा कौन है’?

रायपुर 
चुनाव से पहले और मतगणना के 22 दिन बाद भी एक सवाल छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में आज भी गूंज रहा है. पहले यह सवाल बीजेपी विरोधी दल कांग्रेस से पूछा करती थी. चुनाव में बीजेपी 15 सीटों में क्या सिमटी अब कांग्रेस वही सवाल दोहरा रही है कि अब तुम बताओ तुम्हारे बारात में दूल्हे राजा कौन हैं?

15 साल के सत्ता के बाद भी बीजेपी पिछले 22 दिन से निर्णय कर नहीं पा रही है की उनके विधायक दल का नेता कौन होगा. यह स्थिति तब है, जब सब कहते हैं बीजेपी सत्ता केन्द्रित नहीं बल्कि संगठन केन्द्रित पार्टी है. बिना मुख्यमंत्री के दावेदार के चुनाव लड़ने पर पहले बीजेपी ही कांग्रेस पर तंज़ कसती थी की उनका दूल्हा कौन है? और अब कांग्रेस सत्ता में काबिज़ होने के बाद बीजेपी से पूछ रही है कि बारात दरवाजे तक आ गई है और अब तो बता दो दूल्हा कौन है. क्योंकि शुक्रवार से छत्तीसगढ़ विधानसभा का पहला सत्र निर्धारित है और अभी तक बीजेपी तय नहीं कर पायी है कि उनके विधायक दल का नेता कौन होगा.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के संचार प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी का कहना है कि पहले भाजपा हमसे लगातार पूछती थी कि बताओ दूल्हा कौन है. अब भाजपा को बताना चाहिए कि चुनाव परिणाम आए ​इतने दिन बीत गए, अभी तक विधायक दल का नेता क्यों नहीं चुना गया. जानकार कहते हैं कि शायद बीजेपी की कल्पना के बाहर था की कांग्रेस को 68 सीट मिल जाएगी और 15 साल तक सबके साथ सबका विकास का नारा लगाने वाली पार्टी मात्र 15 सीटों पर सीमित हो कर रह जाएगी और अब हार ऐसी मिली की ना समीक्षा कर पा रही है और न ही अपने विधायक दल के नेता का चयन कर पा रही है बस रायपुर और दिल्ली के बीच नेता दौड़ लगा रहे है.

भाजपा के प्रवक्ता गौरी शंकर श्रीवास का कहना है कि छत्तीसगढ़ में विधायक दल का नेता मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के साथ ही चुना जाएगा. जल्द ही इस पर निर्णय हो जाएगा. श्रीवास का कहना है कि भाजपा संगठन बेस्ड पार्टी है. सभी से राय लेकर निर्णय किया जाता है. बहरहाल अब देखना होगा कि विधायक दल का नेता भाजपा कब तक तय कर पाती है.

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