पश्चिम बंगाल: आखिर बीजेपी संस्थापक की भूमि पर धमक के साथ खिला कमल

कोलकाता

बंगाल में आखिरकार धमक के साथ कमल खिल ही गया. बीजेपी संस्थापक श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जन्मभूमि बंगाल में बीजेपी ने अपने वोट शेयर में ऐतिहासिक इज़ाफ़े के साथ ममता बनर्जी के सिंहासन को ज़ोर का झटका दिया. पश्चिम बंगाल में अपनी मजबूत मौजूदगी दिखाते हुए बीजेपी ने लोकसभा की 18 सीटें झटक लीं. बंगाल में पहली बार बीजेपी ने लोकसभा सीटों के लिए दहाई का आंकड़ा पार किया.

बीजेपी की ओर से जीत हासिल करने वाले अहम चेहरों में बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और एस एस अहलूवालिया शामिल हैं. आसनसोल में बाबुल सुप्रियो ने टीएमसी की हैवीवेट कैंडिडेट मुनमुन सेन को 197637 वोटों के अंतर से शिकस्त दे दिए. बालुल सुप्रियो को 51% से ज्यादा  वोट मिले.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, “हमने उम्मीद से ज्यादा वोट हासिल किए. वो जो कहते थे कि हम सभी 42 सीटों पर जीत हासिल करेंगे, वो अब क्या कहेंगे. लोगों ने उन्हें माकूल जवाब दिया है. मैं कह सकता हूं कि सिर्फ बीजेपी ही नहीं अन्य पार्टियों के समर्थकों ने भी हमें वोट दिया.”   

बंगाल में सत्तारूढ़ टीएमसी को 2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार 12 सीटों का नुकसान हुआ. वहीं बीजेपी ने पिछले चुनाव में जीती 2 सीटों के मुकाबले इस बार 18 सीट झटक कर शानदार कामयाबी हासिल की. बीजेपी ने दार्जिलिंग, अलीपुरद्वार, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, रायगंज, बालूरघाट, माल्दा नॉर्थ, रानाघाट, बोंगांव, बैरकपुर, हुगली, बांकुरा, बिशनुपुर, पुरुलिया, झारग्राम, मेदिनीपुर, आसनसोल और बर्धमान-दुर्गापुर में जीत हासिल की.  

बीजेपी का वोट शेयर इस बार 17% से बढ़कर 40% तक की ऊंचाई पर पहुंच गया. विश्लेषकों के अनुसार नतीजों से साफ है कि लेफ्ट के वोटों का बड़ा हिस्सा बीजेपी की ओर खिसक गया. बीजेपी को जहां उत्तरी बंगाल और जंगलमहाल के आदिवासी क्षेत्रों में भारी कामयाबी मिली वहीं टीएमसी ने दक्षिण बंगाल में अपने गढ़ और कोलकाता के आसपास के क्षेत्रों में जीत का परचम लहराया.

टीएमसी को प्रतिष्ठित कोलकाता नॉर्थ, कोलकाता साउथ और जाधवपुर सीटों पर भी जीत हासिल हुई. पार्टी की ओर से सौगत रॉय, सुदीप बंदोपाध्याय, काकोली घोष दस्तीदार, कल्याण बनर्जी ने अपनी सीटों को बचाए रखा. वहीं पार्टी के एक और अहम चेहरा दिनेश त्रिवेदी बैरकपुर सीट से कांटे की लड़ाई वाला चुनाव हार गए. उन्हें टीएमसी से बीजेपी में गए अर्जुन सिंह ने हराया.

ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी भी अपनी डायमंड हार्बर सीट से चुनाव जीत गए हैं. हालांकि टीएमसी का वोट शेयर 39.05% से बढ़कर 43.4% हो गया है लेकिन उसकी सीटों में खासी गिरावट ने पार्टी के दिग्गजों को भी चौंकाया है. ममता बनर्जी ने नतीजों पर अपनी सतर्क प्रतिक्रिया में कहा है, “सभी विजेताओं को बधाई, लेकिन सभी हारने वाले लूज़र्स नहीं हैं. हम पूरी समीक्षा करने के बाद अपनी राय व्यक्त करेंगे. अभी गिनती की प्रकिया और VVPATs की मैचिंग पूरी होने दीजिए.”  

कभी ममता बनर्जी के विश्वासपात्र रहे और अब बंगाल में बीजेपी के अहम चेहरे मुकुल रॉय ने नतीजों पर कहा, “अब ममता के जाने का वक्त है. उन्हें इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. ये उनकी सरकार के ख़िलाफ़ जनादेश है.”

बंगाल में लोकसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर साबित किया कि बीजेपी अब सत्तारूढ़ टीएमसी को चुनौती देने वाली मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है. बीजेपी ने लेफ्ट को खिसका कर ये जगह हासिल की. लेफ्ट का इस लोकसभा चुनाव में बंगाल से सफाया हो गया. बंगाल में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को भी झटका लगा है. 2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बंगाल से चार सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन इस बार सिर्फ पार्टी के दिग्गज अधीर रंजन चौधरी बलरामपुर की अपनी सीट को बचाने में कामयाब रहे हैं. वे यहां से लगातार पांचवीं बार चुनाव जीते हैं.

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