पर्यावरण मंत्रालय ने कहा- गलती से खाया होगा पटाखे से भरा फल

नई दिल्ली
पर्यावरण मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि केरल में एक गर्भवती हाथिनी की मौत की प्रारंभिक जांच पड़ताल में पाया गया है कि उसने गलती से पटाखे से भरा फल खा लिया होगा.

मंत्रालय ने रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया है कि स्थानीय लोग अक्सर बागान के खेतों में जंगली सूअरों को रोकने के लिए विस्फोटकों से भरे फल का इस्तेमाल करते हैं.

बता दें कि केरल में 15 साल की एक हथिनी ने विस्फोटक से भरा फल खा लेने की वजह से जान गंवा बैठी थी. हाथी ने पटाखे से भरा अनानास खा लिया, जो साइलेंट वैली के जंगल में उसके मुंह में फट गया. 27 मई को वेल्लियार नदी में एक सप्ताह बाद हथिनी की मृत्यु हो गई. वह हथिनी गर्भवती थी. हथिनी की मौत पर देशभर में लोगों ने रोष जाहिर किया था.

पर्यावरण मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'प्राथमिक जांच में पता चला है कि हाथिनी ने गलती से ऐसा फल खा लिया होगा. मंत्रालय केरल सरकार के लगातार संपर्क में है और उन्हें दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी के लिए विस्तृत सलाह दी है और साथ ही कहा है जिस अधिकारी ने लापरवाही की हो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो जिसके कारण हाथी की मौत हुई है.'

मंत्रालय ने आगे कहा,'' अब तक इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है और ऐसे लोगों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है जिन्होंने इस अवैध और पूरी तरह से अमानवीय कृत्य में भाग लिया हो. इस मामले पर अत्यावश्यकता के साथ कार्य करने के लिए वाल्ड लाइफ क्राइम ब्यूरो को भी निर्देशित किया गया है."

इस बीच, पर्यावरण राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने लोगों से अनुरोध किया कि वे सोशल मीडिया "अफवाहों" पर विश्वास न करें. वहीं रविवार को मंत्रालय ने मामले में प्रगति पर चर्चा के लिए कई अधिकारियों के साथ बैठक की थी. समीक्षा बैठक संजय कुमार, वन महानिदेशक और मंत्रालय में विशेष सचिव की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी ताकि मामले में कार्रवाई पर प्रगति की चर्चा की जा सके.

बहरहाल बता दें कि केरल में एक गर्भवती हथिनी की बारुद भरा अन्ननास खाने से मौत हो गई थी जिससे देश में काफी रोष है. गर्भवती हथिनी की हत्या के मामले में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है.

दरअसल, केरल के पल्लकड़ जिले के एक गांव में गर्भवती हथिनी पहुंच गई. हथिनी ने पटाखे से भरे फल को खा लिया. बारूद की जलन मिटाने के लिए हथिनी वेलियार नदी में गई. तीन दिन तक पानी में मुंह डाले खड़ी रही, लेकिन बारूद का जहर इतना बड़ा था कि ना मां बची ना बच्चा.

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