परिवार की खुशहाली के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स

हर कोई चाहता है कि उसका घर किसी महल से कम न हो और घर को महल जैसा बनाने के लिए हर इंसान अपने घर की बहुत साज-सजावट करता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि घर में रखी कुछ चीज़ें तो फायदा देती हैं लेकिन कुछ नकरात्मक शक्ति लाती हैं। इसके साथ ही परिवार के बीच मन-मुटाव भी बना रहता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सजावट वाला सामना लाने से पहले उसे किस दिशा या किस तरफ लगाना सही होगा, ये जान लेना बहुत जरूरी होता है। ऐसे में हम आपको वास्तु के हिसाब से बताएंगे कि घर की किस दिशा में कौन सी वस्तु सही रहेगी और इसके साथ ही वास्तु के कुछ नियमों को अपनाकर व्यक्ति अपने परिवार में खुश रह सकता है।

ईशान कोण यानि भवन के उत्तर-पूर्वी हिस्से वाला कॉर्नर पूजास्थल होकर पवित्रता का प्रतीक है, इसलिए यहां झाड़ू-पोंछा, कूड़ादान नहीं रखना चाहिए। वरना घर से लक्ष्मी चली जाती है।

प्रात:काल नाश्ते से पूर्व घर में झाड़ू अवश्य लगानी चाहिए और उसके बाद ही भोजन बनाना व ग्रहण करना चाहिए।

संध्या समय जब दोनों समय मिलते हो तब घर में झाड़ू-पोंछे का काम नहीं करना चाहिए। वरना इससे लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं।

घर में जूतों का स्थान प्रवेश द्वार के दाहिने तरफ न रखें।

अनाज वाले कमरे में गहने, पैसे, कपड़े रखने वाला गृहस्वामी पैसा उधार देने का काम करता है या भौतिक सुख-सुविधा की चीजें या बड़े सौदों से अर्जन करता है।

घर के मुख्य द्वार पर शुभ चिह्न अंकित करना चाहिए। इससे सुख-समृद्धि बनी रहती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

घर के ईशान कोण पर कूड़ा-करकट भी इकट्ठा न होने दें और हो सके तो हाथी का टेराकोटा का डेकोरेटिव पीस इस कोने में रखें। इससे घर में समृद्धि आती है।

घर में रखे हाथियों के खिलौनों पर धूल न जमने दें। उन्हें नियमित साफ करें। इसके साथ ही बच्चों के खिलौने भी हमेशा साफ रखें।

घर के मंदिर में अस्त्र-शस्त्र को रखना अशुभ होता है। हो सके तो घर के मंदिर में छोटा सा चांदी का हाथी लाकर रखें। अगर चांदी का संभव न हो तो मिट्टी का भी रख सकते हैं।

तलघर यानि सीढ़ियों के नीचे परिवार के किसी भी सदस्यों के फोटो न लगाएं तथा वहां भगवान और देवी-देवताओं की तस्वीरें या मूर्तियां भी न रखें।

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