पति के ताबूत से लिपटकर रोई पत्नी, राजकीय सम्मान के साथ हुआ शहीद पंकज का अंतिम संस्कार

महाराजगंज
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए आतंकी हमले में उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले के शहीद जवान पंकज त्रिपाठी की शनिवार को राजकीय सम्मान सहित अंत्येष्टि कर दी गई।

जिले के हरपुर बेलहिया टोला गांव स्थित आवास पर शहीद का पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद से ही गमगीन माहौल बन गया। शहीद की पत्नी रोहिणी अपने पति के ताबूत से लिपटकर रोते-रोते बेहोश होती दिखीं। यही हाल शहीद की मां सुशीला, पिता ओमप्रकाश त्रिपाठी और छोटे भाई शुभम का भी था। गांव के लोगों और महिलाओं ने इन सभी को किसी तरह संभाला।

पंकज त्रिपाठी (35) छुट्टियां बिताने गांव आए थे और 3 दिन पहले ही डयूटी जाने के लिए लौटे थे। पंकज के पिता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि किसी अधिकारी ने बेटे के बारे में फोन पर सूचना दी। कोई संदेह नहीं कि हमें इस बात पर गर्व है कि हमारे पुत्र ने मातृभूमि के लिए अपने जीवन की कुर्बानी दी, लेकिन सरकार को हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अब बातचीत का समय नहीं रहा, प्रतिशोध लेने का समय है।

पंकज के भाई शुभम ने कहा कि जब उनका भाई छुट्टियों में आया था तो उन्होंने कहा था कि उनका दिल्ली तबादला हो जाएगा और वह अप्रैल में यहां फिर आएंगे।‘‘मैंने भाई खोया है। कोई चीज उसकी भरपाई नहीं कर सकती। नेताओं को खूब सुरक्षा मिलती है, जबकि सैनिक मोर्चे पर रखे जाते हैं। उनके हाथ बंधे हुए होते हैं। उन्हें ऐसी घटनाओं के प्रति कार्रवाई की आजादी नहीं होती।‘‘         

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