पटरी पर लौटी जिंदगी, खतरे को किया नजरअंदाज, सोशल डिस्टेंसन का नहीं हो रहा पालन
विदिशा
लॉक डाऊन लगने से लगभग 55 दिनों बाजार बंद था। बाजार की रौनक बैजार थी। मंगलवार को हुए आदेश और व्यापारिक संगठनों की प्रशासन के साथ हुए मंथन के बाद सम्पूर्ण बाजार खुला और एक बार फिर से जिंदगी पटरी पर लौट चुकी है। बाजार की रौनक भी वापस लौट आई है। बाजार में आम दिनों की तरह भीड़ नजर आई। शहर में जाम के हालात भी बने। बाजार खुलने के बाद मुख्य बाजार की सड़कों पर नपाध्यक्ष मुकेश टण्डन लोगों को जागरूक करने भी निकले। लॉक डाऊन के कारण विदिशा के बाजार में बेरूखी छाई हुई थी।
बाजार खुलने के बाद शहर के लोग अपनी जरूरत से जुड़े सामान को खरीदने के लिए टूट पड़े। शहर में लगभग सभी तरह का व्यापार फिर से शुरू हो गया है। चाय की होटल से लेकर सभी तरह की दुकानों के खुलने से आम आदमी खुश नजर आ रहा है। हालाकि खतरा अब भी कम नहीं है। दरअसल बाजार में भीड़ है सोशल डिस्टेंस का लोगों को स्वयं ही ध्यान रखना होगा। नहीं तो लापरवाही भारी भी पड़ सकती है। लॉक डाऊन के चलते आधी से ज्यादा गर्मी का मौसम निकल गया। इलेक्ट्रोनिक दुकानें बंद होने से लोग कूलर, पंखे भी नहीं खरीद पा रहे थे। बुधवार को जब बाजार पूरी तरह से खुला तो कूलर और पंखे खरीदने काफी लोग पहुंचे। हालाकि कूलर पंखों की दुकानें पहले से ही खुली हुई थीं। लेकिन माल की शॉटेज हो रही थी।
बाजार खुलने के बाद नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन ने माधवगंज से बड़े बाजार तक मुख्य बाजार में एनाउंसमेंट कर व्यापारियों एवं आम जनता से फिजिकल डिस्टेसिंग रखने और मास्क लगाकर ही घर से निकलने एवं मास्क लगाकर ही व्यापार करने की अपील की एवं इस दौरान बाजार में जो नागरिक मास्क भी नही लगाए हुए थे उन्हें भी मास्क प्रदान किए। इस मौके पर राजेश जैन, घनश्याम बंसल, देवराज अरोरा, जमुना कुशवाह, दिनेश कुशवाह, सुरेंद्र चौहान, नितिन महेश्वरी, पुनीत महेश्वरी, आशीष मोहता, मुकेश चौकसे, राघवेंद्र विश्वकर्मा आदि मौजूद थे।
पूरा बाजार खुलने के बाद लोग चाय की चुस्की लेने चाय की दुकानों पर पहुंचे। चाय पीने की बेताबी चाय प्रेमियों में साफ दिखाई दे रही थी। हालाकि चाय दुकानदारों ने लोगों को दुकान पर बैठकर चाय पीने की मना कर रखी थी। लोगों को सड़क पर खड़े होकर ही चाय पीना पड़ी। हालाकि चाय की कुछ दुकानों पर चाय पीने वालों क ी भीड़ भी नजर आई। वहीं कपड़े से लेकर जूते चप्पलों की दुकानों पर भी काफी भीड़ नजर आई। लॉक डाऊन के चलते 55 दिनों से बाजार बंद होने से लोगों की जरूरत को सामान नहीं मिल पा रहा था। लेकिन दुकान खुलते ही लोगों ने अपनी जरूरतों से जुड़े सामान को खरीद लिया।