पटना में परदेसियों की खोज शुरू: बिहार में 10 मार्च के बाद विदेश से लौटे 1790 लोगों को ढूंढ रहा प्रशासन

पटना  
महामारी को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। 10 मार्च के बाद विदेश आए हर व्यक्ति की तलाश की जा रही है। इसके लिए विभाग ने कई टीमें भी गठित कर दी हैं। ये टीमें एक-एक व्यक्ति को ढूंढेंगी। अगर कोई संदिग्ध मिलता है तो उसे आइसोलेशन में रखा जाएगा और उसके संपर्क में आए हर व्यक्ति की जांच होगी। 

पटना में अभी तक कोरोना के कुल 11 पॉजिटिव मामले हो चुके हैं। पहला पॉजिटिव पाया गया व्यक्ति विदेश से वापस आया हुआ था। उसके संपर्क में आने के बाद ही चार लोगों को यह बीमारी हुई। इसके अलावा जो चार और पॉजिटिव मामले  मिले हैं, वे भी विदेश से वापस लौटे हुए हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने विदेश से आए हर व्यक्ति को संदिग्ध की श्रेणी में रख दिया है। अब ऐसे लोगों की तलाश अलग-अलग टीम बनाकर की जा रही है जो 10 मार्च के बाद विदेश की यात्रा करके आए हैं। सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के साथ जिला प्रशासन को इसकी जिम्मेदारी सौंपी है। 

ऐसे लोगों की तलाश कर उनकी जांच करानी है। अगर कोई कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट आती है तो उनके संपर्क में आए लोगों की भी तलाश की जाएगी। यह काम डीएम और सिविल सर्जन की निगरानी में किया जा रहा है,इसके लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं। पटना में शनिवार की शाम तक एक दर्जन से अधिक लोगों का वेरीफिकेशन करा लिया गया है और अब टीम बहुत जल्द उनके घर जांच का नमूना लेने पहुंचेगी। इस संबंध में सभी जिलों के डीएम और सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कांफ्र्रेंसग भी की गई है।

ऐसे खोजा जाएगा विदेश से आए  लोगों को
– प्रशासन ऐसे लोगों की सूची तैयार कर रहा है, जो 10 मार्च के बाद विदेश से पटना या किसी और जिले में आए हैं। संबंधित व्यक्ति से मोबाइल पर बात की जा रही है। वह मौजूदा समय में कहां है और क्वारेंटाइन में है या नहीं। 
–  स्वास्थ्य विभाग जिला प्रशासन से मिलने वाली सूची पर वेरीफिकेशन करने का काम कर रहा है। सूची के आधार पर आसपास के लोगों से संबंधित व्यक्ति के बारे में पूरी  जानकारी जुटाई जा रही है।
– कई ऐसे विदेशी लोग हैं जो गलत सूचनाएं भी दे रहे हैं। अगर कोई होम क्वारेंटाइन का पालन नहीं कर रहा है तो उसकी अलग से सूची बनाई जाएगी  जिसमें उसके संपर्क में आने वाले भी जांच के दायरे में होंगे। 

पटना में तीसरे स्टेज में कोरोना 
जिस तरह सैफ के सपंर्क में आए लोगों में कोरोना पॉजिटिव मिल रहा है, उससे साफ जाहिर है कि कोरोना का तीसरा स्टेज पटना में दस्तक दे चुका है। सूत्रों का कहना है कि बाहर से आए लोगों में भी अगर ऐसी ही स्थिति मिली तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जैसे ही जांच का दायरा बढ़ेगा वैसे ही संक्रमण के मामले भी तेजी से सामने आएंगे। यही कारण है कि अधिक से अधिक क्वारेंटाइन सेंटर व आइसोलेशन वार्ड बनाने काम तेज कर दिया गया है।

पटना में एक और पॉजिटिव मिली
पटना के पहले कोरोना संक्रमित मरीज सैफ अली की मौत के बाद खेमनीचक के शरणम अस्पताल के सभी कर्मचारियों का भी नमूना जांच के लिए भेजा गया था। गुरुवार को एक वार्ड ब्वॉय की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। शुक्रवार को भी एक कर्मी की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली। शनिवार को बाकी कर्मियों की रिपोर्ट आई तो उसमें भी एक महिला कर्मी कोरोना पॉजिटिव निकली। इस महिला और वार्ड ब्वॉय की बहन का एक ही नाम था। रिपोर्ट के आने बाद अस्पताल प्रबंधन का दावा था कि वार्ड ब्वॉय की बहन है। बाद में जांच के बाद खुलासा हुआ कि पॉजिटिव महिला अस्पताल की ही कर्मी है। गौरतलब है कि सैफ का इलाज शरणम अस्पताल में चला था। अब तक उसके संपर्क में आए 5 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है।

कोरोना अपडेट
– आईजीआईएमएस में शनिवार को 13 मरीज भर्ती किए गए। जांच के लिए भेजे गए नमूनों में 18 की रिपोर्ट निगेटिव आई। 
– एम्स में 54 मरीजों की स्क्र्रींनग की गई है, जिसमें चार को संदिग्ध पाया गया है। एक की जांच रिपोर्ट निगेटिव व एक को डिस्चार्ज किया गया है।  
– पटना मेडिकल कॉलेज में 13 मरीज भर्ती हैं, शनिवार को तीन नए मरीज और आए। पांच को डिस्चार्ज किया गया है।  
– शरणम अस्पताल के 42 कर्मियों का नमूना भेजा गया था। इसमें 4 की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। 

10 मार्च के बाद विदेश से लौटे लोगों का नमूना लिया जाना है। ऐसे लोगों के वेरीफिकेशन कराने का काम तेज कर दिया गया है। उन्हें चिन्हित कर उनकी पूरी यात्रा के बारे में जानकारी जुटाकर जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी। 
– डॉ राज किशोर चौधरी, सिविल सर्जन 

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