न्यूजीलैंड में जन्मे बेन स्टोक्स ने कीवी टीम से छीनी जीत, इंग्लैंड को बनाया वर्ल्ड चैम्पियन

नई दिल्ली
सांसें रोक देने वाले रोमांचक फाइनल मुकाबले की अंतिम गेंद पर इंग्लैंड को जीत के लिए 2 रन चाहिए थे, लेकिन 2 रन लेने के चक्कर में बल्लेबाज मार्क वुड रन आउट हो गए, जिससे मैच टाई होने पर सुपर ओवर में चला गया. सुपर ओवर में भी स्कोर टाई रहा, लेकिन सुपर ओवर की अंतिम गेंद पर इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड पर करिश्माई अंदाज में जीत हासिल करते हुए पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया. सुपर ओवर भी टाई रहा, लेकिन मैच के दौरान और सुपर ओवर में कुल मिलाकर ज्यादा बाउंड्री लगाने की वजह से इंग्लैंड विजेता बनी. इस बेहद शानदार मुकाबले को यहां तक पहुंचाने और इंग्लैंड को वर्ल्ड चैम्पियन बनवाने में बेन स्टोक्स का अहम योगदान रहा, जिनका जन्म न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च में हुआ. बेन स्टोक्स ने अपनी शानदार पारी में 98 गेंदों में नाबाद 84 रनों (5 चौका और 2 छक्का) की गजब की पारी खेली. सुपर ओवर में भी इंग्लैंड ने बल्लेबाजी करने के लिए बेन स्टोक्स को ही जोस बटलर के साथ भेजा. बेन स्टोक्स ने सुपर ओवर में भी इंग्लिश टीम को निराश नहीं किया और 1 चौके के साथ 3 गेंदों में 8 रन बनाकर न्यूजीलैंड के सामने जीत के लिए 16 रनों का लक्ष्य रखा, जिसे हासिल करने में न्यूजीलैंड एक रन से रह गई और खिताब उससे दूर हो गया. इंग्लैंड की टीम वर्ल्ड चैम्पियन बन गई.

12 साल की उम्र में आए इंग्लैंड
28 साल के बल्लेबाज बेन स्टोक्स ने अब तक 52 टेस्ट और 95 वनडे मैच खेले हैं, साथ ही 23 टी-20 मैच खेलने का भी अनुभव है. इंग्लैंड के क्रिकेटर बेन स्टोक्स का जन्म 1991 में 4 जून को न्यूजीलैंड की राजधानी क्राइस्टचर्च में हुआ था, लेकिन 12 साल की उम्र में वह इंग्लैंड आ गए और यहीं पर आकर उन्होंने क्रिकेट का ककहरा सीखा. धीरे-धीरे वह दाएं हाथ के मध्यम गति के तेज गेंदबाज और बाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में स्थापित हो गए. बाएं हाथ के बल्लेबाज बेन ने रविवार को लॉर्ड्स के मैदान पर खेले गए खिताबी जंग में अंत तक रोमांच बनाए रखा. बेन स्टोक्स पांचवें नंबर पर जब बल्लेबाजी करने आए उस समय टीम को तीसरा झटका लग चुका था और पारी का 20वां ओवर डाला जा रहा था, लेकिन उन्होंने अपनी अहमियत समझते हुए विकेट को बचाए रखा और अंत तक क्रीज पर डटे रहे. वह न सिर्फ अंत तक डटे रहे, बल्कि जीत के नायक बन कर उभरे. इस तरह से उनकी पारी ने न्यूजीलैंड को लगातार दूसरी बार चैम्पियन बनने से रोक दिया. इंग्लैंड की तरह किवी टीम को भी लगातार दूसरी बार फाइनल में हार का सामना करना पड़ा.

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