नौतपा 2019 : 9 दिन पड़ेगा प्रचंड गर्मी का कहर, बाहर न‍िकलने से पहले बरतें ये सावधान‍ियां

नौतपा 25 मई से शुरु हो चुका है। ऐसे में अगले नौ दिन तक बहुत ही तपिश भरा माहौल रहेगा। नौतपा के दिनों की गर्मी इतनी तीखी होती है कि चाहे आप घर के अंदर हो या बाहर, ये आपको बेचैन करने के लिए काफी है। इन दिनों वैसे तो शायद ही किसी का घर से बाहर निकलने का मन करता है, लेकिन पूरे दिन घर के अंदर रहना भी संभव नहीं है क्योंकि कई कामों से आपको बाहर तो जाना ही पड़ सकता हैं।

मौसम विभाग ने भी नौतपा को लेकर चेतावनी जारी कर द‍िया है। इस दौरान आ इसल‍िए इस दौरान आपको खुद का बहुत ध्‍यान रखने की जरुरत होती है। नौतपा में घर से बाहर जाने से पहले आपको कुछ जरूरी सावधानियां जरूर बरतनी चाहिए, आइए जानते हैं कि नौतपा में घर से न‍िकलने से पहले किन बातों का रखें ध्‍यान।

क्या है नौतपा?
मई के उतरते सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी की दूरी कम होने के कारण सूर्य की तेज किरणें पृथ्वी पर पड़ती हैं! जिसका बुरा असर मनुष्य से लेकर पशु-पक्षी और पेड़-पौधों तक पर पड़ता है। ज्‍योतिषियों के अनुसार रोहिणी नक्षत्र का जब तक प्रभाव रहता है, सूर्य का प्रचण्ड स्वरूप शिखर पर होता है। रोहिणी और नौतपा का योग मौसम का मिजाज बिगाड़ देता है। इस वजह से पृथ्वी का तापमान अचानक बढ़ जाता है। भारतीय ज्योतिषियों के अनुसार चंद्रमा जब ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष में आर्द्रा नक्षत्र से स्वाति नक्षत्र तक अपने स्वरूप में हो और तेज गर्मी पडे़, यही नौतपा है।

कब से कब तक रहेगा नौतपा
रोहिणी नक्षत्र से नौतपा भी शुरू हो जाएगा। रोहिणी नक्षत्र 25 मई को शुरू होगा और इस बार 8 जून तक रहेगा। रोहिणी नक्षत्र जब लगता है तो सूरज के तेवर प्रचंड रहते हैं और धरती का तापमान तेजी से बढ़ने लगता है। साल में एक बार रोहिणी नक्षत्र की दृष्टि सूर्य पर पड़ती है। यह नक्षत्र 15 दिन रहता है लेकिन शुरू के पहले चन्द्रमा जिन 9 नक्षत्रों पर रहता है वह दिन नौतपा कहलाते हैं। इसका कारण इन दिनों में गर्मी अधिक रहती है। मई के आखिरी सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच दूरी कम हो जाती है और इससे धूप और तेज हो जाती है।

इन बातों की रखे सावधान‍ियां

– किसी भी स्थिति में बगैर कुछ खाए घर से न निकलें।

– खुले शरीर बाहर न निकलें, टोपी पहने, कानों को ढंककर रखें और आंखों पर धूप का चश्मा जरूर लगाएं।

– एसी से निकलते ही एकदम धूप या गर्मी में न जाएं।

– हल्का व शीघ्र पचने वाला भोजन करें।

– नरम, मुलायम, सूती कपड़े पहनें जिससे हवा और कपड़े शरीर के पसीने को सोखते रहे।

हो सकती है पेट संबंधी समस्‍याएं
ज्योतिष और आयुर्वेद के अनुसार यह समय सूर्य का पापाक्रांत समय होता है। इस दौरान पेट से संबंधी बीमारियों के होने की आशंका अधिक होती है। हल्का भोजन लें और पानी ज्यादा से ज्यादा पीएं। मौसम के हिसाब से होने वाली व्याधियों से बचने की जरूरत है। इस मौसम में खाने-पीने पर भी विशेष ध्यान रखें। इस मौसम में ऐसा रखें अपना खान-पान।

ऐसा रखे खान-पान
– गर्मियों में मौसमी फलों का सेवन करें, पानी की मात्रा काफी होती है, इसलिए इनका सेवन जरूर करें।

– तरबूज, खरबूज, खीरा आदि को नियमित रूप से खाने से शरीर में पानी के साथ खनिज-लवणों की भी पूर्ति होती है।

, दही, मठ्ठा, जीरा छाछ, जलजीरा, लस्सी, आम का पना पिएं या आम की चटनी खाएं।

– ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। जिससे पसीना आकर शरीर का तापमान नियमित निर्धारित हो सके तथा शरीर में जल की कमी न हो।

– प्रतिदिन प्याज खाएं और साथ में भी रखें।

– तली हुई या मसालेदार चीज़ों से दूर रहें, यह आपका पेट खराब कर सकती हैं।

– इन सब के अलावा समय समय पर आवश्यकता के अनुसार ग्लुकोज का सेवन करते रहे और अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल अनावश्यक न करें।

 

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