नौकरी का झांसा देती थी, फैक्ट्री में ले जाकर करवाती थी रेप

 
नई दिल्ली

15 साल की एक लड़की को दिल्ली महिला आयोग ने बवाना में एक सेक्स रैकेट से बचाया है। आयोग ने बताया कि इस लड़की को उसकी 12 साल की दोस्त ने एक महिला से यह कहकर मिलवाया था कि वो उसे ऊंची तनख्वाह वाली नौकरी दिलवाएगी। वह महिला लड़की को और दूसरी लड़कियों के साथ एक फैक्ट्री में ले गई, जहां 'कस्टमर' आते थे और उनसे बार-बार रेप करते थे। लड़की की चाची ने दिल्ली महिला आयोग से शिकायत की थी। आयोग का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 376/323/342/370A और पॉक्सो ऐक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की है। हालांकि, कोई गिरफ्तारी नहीं कर हुई है।

आयोग ने बताया कि लड़की की मां का बहुत पहले और पिता का हाल में निधन हुआ था, जिसके बाद से वह चाची के साथ गरीबी में रह रही थी। आयोग की टीम को जानकारी मिली कि कस्टमर से महिला 300 रुपये लेती थी और गरीब लड़कियों को निशाना बना रही थी। वह खुद भी इस धंधे में शामिल थी।

आयोग ने बताया कि 5 सितंबर को कुछ लोगों ने लड़की का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया था। मुख्य आरोपी एक ग्राहक था। उन्होंने लड़की को बेरहमी से पीटा था, सिगरेट से जलने के निशान उसके शरीर पर अभी भी देखे जा सकते हैं। 10 सितंबर को लड़की की एक साथी ने उसे 65 साल के आदमी से मिलवाया। 100 रुपये देकर इस बुजुर्ग ने भी लड़की के साथ बलात्कार किया।

जब लड़की की चाची को उसकी स्थिति के बारे में पता चला, तो उन्होंने दिल्ली महिला आयोग के स्थानीय महिला पंचायत कार्यालय से संपर्क किया। आयोग की टीम ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई और उसे छुड़वाया। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि आरोपी महिला एक और तस्कर से जुड़ी हुई थी, जिसे नाबालिग लड़कियों की तस्करी के लिए पिछले महीने आयोग के हस्तक्षेप से गिरफ्तार किया गया था। यह भी आरोप है कि यह महिला अक्सर स्थानीय पुलिस स्टेशन में बैठी नजर आती है।

 लड़की को आश्रय गृह भेज दिया गया है। आयोग की चीफ स्वाति मालीवाल ने कहा, स्थानीय पुलिस की जानकारी के बिना बवाना में इतने बड़े पैमाने पर सेक्स रैकेट कैसे चल सकता है? पिछले महीने आयोग ने यहां एक बड़े मानव तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया था और एक तस्कर को गिरफ्तार किया था। अगर पुलिस ने उससे सही तरीके से पूछताछ की होती, तो बाकी रैकेट का पर्दाफाश हो गया हो ता।
 

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