नॉनवेज खाने वाली महिलाएं वेज खाने वालों से ज्यादा हेल्दी: स्टडी

 
नई दिल्ली 

चिकन, मटन, अंडा जैसे नॉनवेज प्रेमियों के लिए यह अच्छी खबर है। एम्स की एक नई स्टडी ने यह साबित किया है कि नॉनवेज खाने वालों में, वेज खाने वालों की तुलना में बीमारियों का कम खतरा रहता है। स्टडी में नॉनवेज खाने वालों में हार्ट डिजीज, मोटापा, हाइपरटेंशन, कैंसर, फैटी लीवर जैसी बीमारी होने का संकेत देने वाले इन्फ्लेमेट्री मार्कर कम पाए गए हैं, जबकि वेज खाने वालों में यह काफी ज्यादा था। स्टडी में नॉनवेज खाने वाली कश्मीर की महिलाएं और वेज खाने वाली दिल्ली की महिलाएं शामिल की गईं जिसमें कश्मीर की महिलाएं, दिल्ली की महिलाओं से ज्यादा हेल्दी पाई गईं और उनमें बीमारी का खतरा कम पाया गया। 
 
3 साल तक चली स्टडी में 464 महिलाएं शामिल 
डॉक्टर ने कहा कि साल 2015 में यह स्टडी शुरू हुई थी, जो साल 2018 तक चली। कुल 464 महिलाओं को शामिल किया गया था। हमने सबसे पहले इनका 72 घंटे का डायट पैटर्न लिया। कोई दवा तो नहीं खा रहे, फिर हाईट, वजन, बीपी, हेयर ग्रोथ, ब्लड टेस्ट में लीवर फंक्शन, किडनी फंक्शन, लिपिड प्रोफाइल और सारे हॉर्मोन का टेस्ट किया। इन सभी का इन्फ्लेमेट्री मार्कर चेक किया गया और फिर इसकी तुलना की गई जिसमें रिजल्ट चौंकाने वाले आए हैं। 

वेज खाने वालों में प्रोटेक्टिव सीरम कम पाया गया 
रिजल्ट में PCOS से पीड़ित महिलाओं की तुलना करें तो नॉनवेज खानेवालों में तीनों इनफ्लामेट्री मार्कर सीरम TNF, सीरम IL-6 और सीरम hs-CRP काफी ज्यादा पाए गए। इसी तरह पाया गया कि वेज खानेवालों का इनफ्लामेट्री मार्कर ज्यादा खराब है। यही नहीं, वेज खानेवाली महिलाओं में बीमारियों से बचाने वाला प्रोटेक्टिव सीरम भी कम पाया गया। डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह के रिजल्ट की दो वजहें हो सकती हैं। पहली यह कि नॉनवेज में ऐसे कई तत्व हैं जो इनफ्लामेट्री मार्कर को कंट्रोल करके रखते हैं। दूसरा कारण यह भी हो सकता है कि दिल्ली में पल्यूशन ज्यादा है। हो सकता है कि इस वजह से दिल्ली की महिलाओं का मार्कर खराब हो रहा हो। अब हम इस वजह के बारे में आगे की स्टडी करेंगे। इसका इफेक्ट पुरुषों पर कितना होता है, यह भी जानने की कोशिश की जाएगी।

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