निगम के काम के बजाय 100 से ज्यादा कर्मियों से बीजेपी दफ्तर में ड्यूटी

जबलपुर 
रीवा नगर निगम में पदस्थ सौ से अधिक मस्टर कर्मियों से निगम के काम की बजाय बेगारी कराने का खुलासा हुआ है। इसकी जानकारी सामने आने के बाद निगमायुक्त सभाजीत यादव ने ऐसे कर्मचारियों को निगम में वापस बुलाकर निगम का काम कराना शुरू कर दिया है। साथ ही इन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने वाले तत्कालीन निगमायुक्त के विरुद्ध 12 करोड़ की रिकवरी निकाली है। इसकी वसूली के लिए शासन को पत्र लिखा जा रहा है। 

एक सप्ताह पहले रीवा में निगम आयुक्त का पद संभालने वाले सभाजीत यादव ने जब निगम कर्मचारियों की ड्यूटी के बारे में जानकारी ली तो उन्हें पता चला कि कई कर्मचारी भाजपा जिला कार्यालय, पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला समेत अन्य स्थानों में काम कर रहे हैं। निगम का काम करने की बजाय दूसरे काम इनसे कराए जाते हैं और वेतन नगर निगम कोष से दिया जा रहा है। इसमें उनके खुद के आवास में भी सात कर्मचारी पाए गए जिन्हें तत्कालीन अधिकारियों ने तैनात कर रखा था और निगम के बजाय घर का काम करा रहे थे। इसके बाद ऐसे कर्मचारियों की तलाश करने पर सौ से अधिक कर्मचारियों की लिस्ट सामने आ चुकी है। अब ऐसे कर्मचारियों को निगम दफ्तर में काम सौंपा जा रहा है। 

जांच में यह बात भी सामने आई है कि भाजपा जिला कार्यालय में पांच, निगम में पदस्थ कार्यपालन यंत्री शैलेंद्र शुक्ला के यहां सात कर्मचारी घर का काम कर रहे थे। इसके साथ ही कई अन्य नेताओं के प्रतिष्ठानों व अन्य स्थानों पर इन कर्मचारियों से काम लिया जा रहा था। इन सबको वापस बुला लिया गया है। बताया गया कि ये सारी ड्यूटी तत्कालीन निगमायुक्त आरपी सिंह के कार्यकाल में लगाई गई हैं। इसलिए उनके विरुद्ध नोटिस भेजने की तैयारी है।

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