नाबालिग बच्चियों से अपराध में एमपी पहले स्थान पर, प्रदेश में 8.8 फीसदी बढ़ा क्राइम

भोपाल
 मप्र में बीते एक साल में 5599 महिलाओं के साथ ज्यादती हुई। इसमें 3082 नाबालिग बच्चियां भी शामिल हैं। यह शर्मनाक आंकड़ा लगातार दूसरी बार छूने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। यहां महिला अपराध पिछले साल की तुलना में 8.3 प्रतिशत बढ़ गया है। यह खुलासा नेशनल क्राइम रिकाॅर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी 2017 में देशभर में हुए महिला अपराधों के आंकड़ों से हुआ। यह शर्मनाक है कि सरकारें लगातार महिला अपराध, बच्चियों से यौन दुर्व्यवहार रोकने के लिए कड़े कानून बना रही हैं, लेकिन ये बेअसर साबित हो रहे हैं। अपराध का ग्राफ कम होने के स्थान पर हर साल बढ़ता जा रहा है।

     महिला अपराधों के मामलों में उप्र पहले स्थान पर है। यहां 2016 की तुलना में 2017 में 15.6 प्रतिशत अपराध बढ़े हैं।
     इस मामले में महाराष्ट्र में 8.9%, बंगाल में 8.6% और मप्र  में 8.3% अपराध बढ़े हैं। प्रदेश में 2016 में 26604 मामले थे, जो 2017 में 29788 तक पहुंच गए।

IPC Crimes 2015-2017
मध्यप्रदेश में क्राइम  ( फीसदी )     साल 2015     साल 2016     साल 2017
  8.8 फीसदी वृद्धि                           268614       264418     269512

SLL Crimes 2015-2017
मध्यप्रदेश में क्राइम ( फीसदी )     साल 2015     साल 2016     साल 2017
5.7 फीसदी वृद्धि                             89891      100736      110170

Total IPC & SLL Crimes 2015-2017
मध्यप्रदेश में क्राइम ( फीसदी )     साल 2015     साल 2016     साल 2017
7.6 फीसदी वृद्धि                           358505      365154      379682

एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2017 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,59, 849 मामले दर्ज किए गए हैं। महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश (56,011) में दर्ज किए गए हैं। उसके बाद महाराष्ट्र में 31,979 मामले दर्ज किए गए। जबकि पश्चिम बंगाल में 30,992 और मध्य प्रदेश में 29,778, राजस्थान में 25,993 और असम में 23,082 महिलाओं पर हुए अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं।

महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार तीसरे साल वृद्धि
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक देशभर में 3,59,849 मामले दर्ज किए गए। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार तीसरे साल वृद्धि हुई है। 2015 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 3,29,243 मामले दर्ज किए गए थे और 2016 में 3,38,954 मामले दर्ज किए गए थे।

 

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