नान घोटाले में बड़ी कार्रवाई, IPS मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह सस्पेंड

रायपुर
छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नान घोटाला मामले में राज्य सरकार ने एक बड़ी कार्रवाई की है. दो आईपीएस अधिकारियों पर सरकार ने कार्रवाई की है. डीजी मुकेश गुप्ता और नारायणपुर एसपी रजनेश सिंह को निलंबित कर दिया गया है. दर्ज अपराधों में त्रुटिपूर्ण प्रवितियों के लिए सरकार ने ये कार्रवाई की है. निलंबन अवधि तक दोनों अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय (PHQ) में अपनी उपस्थिति देनी होगी. ईओडब्ल्यू द्वारा एफआईआर दर्ज होने के बाद राज्य शासन ने निलंबन आदेश जारी किया है.

भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के नियम 3 का उल्लंघन पर करने पर दोनों आईपीएस अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. गुरुवार को आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ उनके ही पूर्व विभाग ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की था. डीजी मुकेश गुप्ता के अलावा आईपीएस रजनेश सिंह पर एफआईआर दर्ज हुई थी. दोनों ही आईपीएस अधिकारियों पर फोन टैपिंग का आरोप है.

गौरतलब हो कि 12 फरवरी 2015 को छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक व राजनीतिक ​गलियारों में भूचाल मच गया. इसी दिन एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध शाखा ने प्रदेश में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के अधिकारियों और कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा. इस कार्रवाई में करोड़ों रुपयों के साथ ही भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज़, हार्ड डिस्क और डायरी भी जब्त की गई थी.

बता दें कि छत्तीसगढ़ की नई कांग्रेस सरकार ने कथित रूप से 36 करोड़ रुपये के इस घोटाले में जांच के लिए एसआईटी जांच करवा रही है. आरोप है कि छत्तीसगढ़ में राइस मिलरों से लाखों क्विंटल घटिया चावल लिया गया. इसके बदले करोड़ों रुपये की रिश्वतखोरी की गई. इसी तरह नागरिक आपूर्ति निगम के ट्रांसपोर्टेशन में भी भारी घोटाला किया गया. इस मामले में 27 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज़ किया गया था. जिनमें से 16 के ख़िलाफ़ 15 जून 2015 को अभियोग पत्र पेश किया गया था. जबकि मामले में दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा के ख़िलाफ़ कार्रवाई की अनुमति के लिये केन्द्र सरकार को चिट्ठी लिखी गई.

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