नसबंदी: आॅनलाईन पेमेंट सिस्टम की बजह से हर साल कम हो रहा नसबंदी का आंकडा

भोपाल
जनसंख्या स्थिरता के लिए सरकारी अस्पतालों में नसबंदी कराने के एवज में सरकार पुरूषों और महिलाओं को प्रोत्साहन राशि देती है। पुरूष नसबंदी कराने पर 3000 रूपये और महिला नसबंदी करने पर 2000 रूपये सरकार द्वारा हितग्राहियों को दिये जाते हैं। केन्द्र सरकार द्वारा लगभग दो साल पहले हितग्राहियों को नगद और चेक के माध्यम से भुगतान करने के बजाय हितग्राहियों के बैंक खातों में सीधे राशि ट्रांसफर करने के आदेश दिये थे। सरकार के इस निर्णय के बाद से पुरूष नसबंदी कराने वालों की संख्या में कमी आई है पिछले दो-तीन सालों में नसबंदी के आंकडों पर गौर किया जाये तो हर साल ये आंकडा कम हो रहा है। 
    
साल दर साल कम होती पुरूष नसबंदी कराने वालों की संख्या कम होने की पीछे की वजह ये है कि प्रोत्साहन राशि जब नकद और चेक के माध्यम से दी जाती थी तो स्वास्थ्य विभाग के अमले को भी बतौर रिश्वत कुछ पैसा मिल जाता था,आॅनलाईन हितग्राहियों के बैंक खाते में राशि जाने के बाद अब कर्मचारियों की जुगाड वाली आमदनी बंद हो गई है। दूसरी वजह ये भी है कि अब सरकार ने मैदानी अमले से लेकर राज्यों को नसबंदी का टारगेट देना बंद दिया है अब सेवा आश्यकता अनुसार ही नसबंदी का लक्ष्य तय किया गया है जैसे कि 1000 की जनसंख्या पर काम करने वाली आशा कार्यकर्ता को मात्र 10 नसबंदी केस कराना अनिवार्य है। ऐसे में तेजी से बढती जनसंख्या को रोकने के प्रयास विफल होते नजर आ रहे हैं।             

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