नवाजुद्दीन सिद्दीकी क्यों बोले- मेरे 25 साल के करियर का फल है ठाकरे का रोल?

 
नई दिल्ली  
       
बॉलीवुड एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी एक बार फिर से अभिनय का जलवा दिखाने के लिए तैयार हैं. 25 जनवरी को बाल ठाकरे के जीवन पर बन रही बायोपिक "ठाकरे" में नवाज, बाल ठाकरे का किरदार निभा रहे हैं. इससे पहले नवाज ने 2015 में "मांझी द माउंटेन मैन" और 2018 में "मंटो" की थी. दोनों फ़िल्में बायोपिक हैं.

"ठाकरे" में नवाज के अपोजिट अमृता राव हैं. नवाजुद्दीन अपनी टीम के साथ फिल्म का जमकर प्रमोशन कर रहे हैं. एक इवेंट में नवाज ने कहा, "मुझे काफी खुशी होती है जब इस तरह के रोल करने को मिलते हैं. लाख-लाख शुक्र है कि मेरे 25 साल के करियर में किए गए संघर्ष का फल मुझे आज मिल रहा है."

"मैं हमेशा चुनौतीपूर्ण रोल करना पसंद करता हूं. मैंने हमेशा अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने की कोशिश की है. मेरा अनुभव शानदार रहा है."

  
दिल्ली में हुए एक इवेंट में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए अमृता राव ने कहा, "फिल्म में काम करने का अनुभव काफी अलग था. ठाकरे में मेरे लिए एक मां और एक पत्नी का किरदार निभाना थोड़ा मुश्किल था. मैंने काफी कुछ सीखा. मैं कह सकती हूं कि ये शानदार था. फिल्म में काम करने के दौरान मुझे काफी खुशी हुई." बताते चलें कि मूवी में अमृता ने ठाकरे की पत्नी का किरदार निभाया है.

ठाकरे का निर्देशन अभिजीत पानसे ने किया है. ये फिल्म दो भाषाओं, मराठी और हिंदी बनी है. कहा जा रहा है कि इसमें बाल ठाकरे के जीवन से जुड़े तमाम पहलुओं को दिखाया गया है. ठाकरे मशहूर कार्टूनिस्ट और महाराष्ट्र के कद्दावर नेता थे. उन्हें राजनीति में मराठी मानुष और हिंदुत्व के लिए जाना जाता है. ठाकरे शिवसेना के संस्थापक थे.

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