नवजात के साथ सरेंडर करने वाली पहली नक्सली है सुनीता, प्रसव पीड़ा में तड़पता छोड़ गए थे साथी

कांकेर
छत्तीसगढ़ में पहली बार किसी महिला ने अपने नवजात बच्चे के साथ पुलिस के सामने सरेंडर किया है. कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा में एक लाख रुपये की इनामी नक्सली कमांडर सुनीता ने अपने नवजात के साथ बुधवार को समर्पण किया. समर्पण के दौरान जच्चा-बच्चा दोनों की हालत नाजुक थी. पुलिस ने दोनों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. फिलहाल दोनों की हालत खतरे से बाहर है.

सरेंडर करने वाली महिला को हिंदी नहीं आती. ऐसे में पुलिस ने महिला से बातचीत के आधार पर दावा किया है कि नक्सलियों ने उसके साथ बहुत ही कायराना हरकत की. पुलिस के मुताबिक महिला नक्सली सुनीता ने साल 2014 में संगठन से जुड़ी. इसके बाद वे अलग अलग इलाकों में सक्रिय रही. साल 2018 में बीएसएफ की सर्चिंग पार्टी पर हमले में भी सुनीता शामिल थी. इस घटना में चार जवान शहीद हुए थे.

पुलिस ने दावा किया है कि नक्सल संगठन में प्लाटून नंबर 7 के सदस्य सुकमा के किस्टाराम निवासी मुन्ना मंडावी से सुनीता का प्रेम संबंध हुआ. इसके बाद वे गर्भ से हो गई. सुनीता का गर्भ से होना उसके साथियों को नागवार गुजरा. गर्भपात कराने उसके साथी उसे मीलों पैदल चलाते थे. पहाड़ी रास्तों पर चलने मजबूर करते थे. इसके अलावा खाना भी कम देते थे. इसके बाद भी जब गर्भपात नहीं हुआ. फिर प्रसव पीड़ा के दौरान ही उसे जंगलों में तड़पता छोड़ गए.

कांकेर के पुलिस अधीक्षक केएल ध्रुव के मुताबिक डीआरजी टीम को गश्त के दौरान कोयलीबेड़ा के आलपरस के जंगलों में सुनीता मिली थी. प्रसव से पहले नक्सली उसे वहां छोड़ गए थे. जवानों ने महिला और उसके बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां दोनों का उपचार चल रहा है. दरअसल छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर कोयलीबेड़ा के आलपरस के जंगलों में बीते मंगलवार को जिला पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में जवानों ने 8 लाख रुपए की इनामी महिला नक्सली उप कमांडर फूलो बाई उर्फ महरी को गिरफ्तार किया था.

डीआरजी और पुलिस के जवान नक्सलियों की सूचना पर वहां सर्चिंग के लिए पहुंचे थे. अचानक नक्सलियों ने वहां फायरिंग कर दी. जवाबी कार्रवाई में नक्सली वहां से भाग निकले. इसके बाद डीआरजी के जवान बुधवार को आलपरस के जंगलों की ओर गश्त पर निकले थे. इसी दौरान उन्हें जंगल में महिला नक्सली अपने पांच दिन के बच्चे के साथ मिली. पूछताछ में उसने बताया कि उसे बच्चे के प्रसव से पहले ही नक्सली वहां छोड़कर गए थे. इसके बाद से महिला वहीं पर थी. उसे इस हालत में देख पुलिस के जवान उसे लेकर कैंप लौटे और महिला और उसके बच्चे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. जहां पर उसका उपचार जारी है.

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