नर्सिंग छात्रा का शव गोमती नदी में मिला लखनऊ केजीएमयू की 

 लखनऊ 
लखनऊ केजीएमयू की नर्सिंग छात्रा शिवाली श्रीवास्तव (22) का शव हजरतगंज में गांधी सेतु के पास गोमती नदी में उतराया मिला। राहगीरों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव बाहर निकलवाया। छात्रा के शरीर पर एप्रेन था जिस पर केजीएमयू की नेम प्लेट लगी थी। चौक पुलिस से संपर्क किया गया तो पता चला कि चंद घंटे पहले ही छात्रा के पिता ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। घरवालों के शिनाख्त करने पर पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। अब तक की पूछताछ में कई रहस्यमयी बातें सामने आई हैं। पुलिस हत्या और आत्महत्या की दिशा में तफ्तीश कर रही है।

पीजीआई के वृंदावन योजना में रहने वाले उमेश चन्द्र श्रीवास्तव सेना से सूबेदार पद से रिटायर हैं। उनकी बेटी शिवाली केजीएमयू में नर्सिंग अंतिम वर्ष की छात्रा थी। वह रोज अपनी स्कूटी से केजीएमयू आती-जाती थी। रोजाना की तरह गुरुवार को भी वह घर से केजीएमयू जाने के लिए निकली थी। देर शाम उसने पिता को फोन किया और बताया कि वह अपनी क्लासमेट आकांक्षा के साथ हॉस्टल में ही रुकेगी। बेटी का फोन आ जाने से घरवाले निश्चिंत थे कि वह हॉस्टल में होगी। शुक्रवार सुबह पिता उमेश चन्द्र ने शिवाली के नंबर पर कई बार फोन किया लेकिन संपर्क नहीं हो सका। परेशान होकर वह केजीएमयू के नर्सिंग हॉस्टल पहुंचे तो पता चला कि शिवाली वहां नहीं रुकी थी। संदिग्ध हालत में बेटी के लापता होने पर उन्होंने चौक कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करवाई। 

दोपहर में नदी में मिला छात्रा का शव 
घरवाले अभी चौक कोतवाली में पुलिस को शिवाली की डिटेल नोट करवा ही रहे थे। तभी दोपहर करीब 12 बजे वायरलेस सेट पर सूचना प्रसारित हुई कि गांधी सेतु के पास नदी में एक युवती का शव मिला है। कुछ ही देर बाद हजरतगंज पुलिस ने चौक पुलिस से संपर्क किया और शव के बारे में जानकारी दी। बताया कि मृतका के शरीर पर सफेद रंग का एप्रेन है, जिस पर लगी नेम प्लेट में शिवाली श्रीवास्तव, केजीएमयू लिखा हुआ है। खबर मिलते ही चौक पुलिस की एक टीम उमेश व अन्य परिजनों को लेकर मौके पर पहुंची। जहां, उमेश श्रीवास्तव ने शव की शिनाख्त बेटी शिवाली के रूप में कर ली। 

बैकुण्ठ धाम के स्टैंड पर मिली स्कूटी   
नदी में छात्रा का शव मिलने पर पुलिस ने आसपास चेकिंग व पूछताछ शुरू की। इस बीच छात्रा की स्कूटी बैकुण्ठ धाम के बाहर पार्किंग में खड़ी मिल गई। वहीं, उसका मोबाइल फोन निशातगंज जाने वाली रोड पर सड़क किनारे पड़ा मिला। डीसीपी पश्चिमी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी के मुताबिक प्रथम दृष्ट्या मामला सुसाइड का प्रतीत हो रहा है। छात्रा के शरीर पर कोई भी जाहिरा चोट के निशान नहीं थे। उसके शरीर पर एप्रेन व नेम प्लेट भी मौजूद थी। यदि हत्या हुई होती तो हत्यारे पहचान छुपाने के लिए नेम प्लेट जरूर हटा देते। उन्होंने बताया कि शनिवार को कोरोना रिपोर्ट आने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पीएम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।  

सहेली से कहा था.. रिश्तेदार के यहां जा रही हूं 
इंस्पेक्टर चौक विश्वजीत सिंह ने बताया कि शिवाली ने पिता से फोन पर बातचीत के दौरान कहा था कि वह सहेली आकांक्षा के साथ हॉस्टल में रुकेगी। पुलिस ने इस बाबत आकांक्षा से बात की तो नई कहानी सामने आई। आकांक्षा ने बताया कि शिवाली उससे यह कहकर निकली थी कि वह एक रिश्तेदार के घर जा रही है और वहीं रुकेगी। इस दौरान शिवाली ने न तो उस रिश्तेदार का नाम बताया था और न ही यह बताया था कि वह कहां रहता है। फिलहाल पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि शिवाली वहां कैसे पहुंचे? वह अकेली थी या उसके साथ कोई और भी था? 

घटनास्थल के पास मिली लोकेशन 
एडीसीपी विकास चन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि छात्रा की कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। यह पता लगाया जा रहा है कि घटना से पहले उसने किन-किन लोगों से बात की थी। उसके मोबाइल की लोकेशन भी खंगाली गई है। इसमें घटना वाले दिन उसकी लोकेशन केजीएमयू से बैकुण्ठ धाम आने की मिली है।

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