नदी-नाले उफान पर, टापू बने कई गांव, ट्यूब के सहारे कट रही जिंदगी

भोपाल
मध्य प्रदेश में बारिश का दौर जारी है। कई जिले में नदी-नाले उफान पर है और यातायात बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। वही शिवपुरी मेंं सिंध नदी के उफान से कोलारस के तीन गांवों के लोग चारों तरफ से पानी से घिर गए है और  ऊंचाई पर स्थित ग्राम लगदा, संगेश्वर और लालपुर के भी यही हालात हैं। यहां दो महीने से लोगों को रोजमर्रा के कामों के लिए ट्यूब का सहारा लेना पड़ रहा है । मौसम वैज्ञानिकों की माने तो प्रदेश में रुक रुक कर बारिश का सिलसिला अक्टूबर तक चलने की संभावना है।

यहां तक की मवेशियों के चारे से लेकर इंसानी जिंदगी का हर जरूरत का सामान पानी में किसी तरह आरपार जाकर ग्रामीण ला रहे हैं।स्थिति यह हो गई है कि मरीज डॉक्टरों के पास नही जा पा रहे बल्कि डॉक्टरों को  ट्यूब पर बैठाकर   गांव लाया जा रहा है। मंगलवार को भी ऐसा ही हुआ ग्राम लालपुर में जब रामकुमारी पत्नी रविन्द्र दांगी की तबीयत बिगड़ी और उस पर चलने तक का साहस न रहा तो गांव के लक्ष्मण ने ट्यूब पर डॉक्टर को बैठाया और उनका बैग साथ लिया और गांव लेकर आए।डॉक्टर ने यहां दर्द की दवा दी और रामकुमारी को आराम मिल गया। ऐसे ही कुछ और लोग बुखार से पीड़ित थे, उन्हें भी डॉक्टर ने दवा दी और बाद में ट्यूब के सहारे ही डॉक्टर गांव से वापस लौटे। इन तीनों गांव की आबादी 2 हजार से ज्यादा है।

मौसम वैज्ञानिकों की माने तो मध्यप्रदेश में अभी भी बंगाल की खाड़ी से नमी आ रही है। इस वजह से प्रदेशभर में बारिश रुक-रुककर हो रही है। इंदौर ही नहीं, प्रदेशभर में अक्टूबर के पहले सप्ताह तक बादलों की गतिविधि जारी रहेगी। इसके बाद ही मानसून को विदा माना जाएगा। मंगलवार को भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में बादल छाए हुए हैं और धूप नहीं निकली, जिससे मौसम राहत भरा है, मगर बादलों के छंटने से उमस बढ़ जाती है।

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