नक्सलियों की साजिश नाकाम, भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद

नवादा
सुरक्षाबलों ने नवादा जिले के नक्सल प्रभावित गोवन्दिपुर थाने के कोल महादेव डैम स्थित जंगलों से भारी मात्रा में एक्सप्लोसिव व हथियार बरामद किया है। घटना सोमवार की सुबह करीब पांच बजे की बतायी जाती है। यह इलाका झारखंड के नक्सल प्रभावित कोडरमा जिले की सतगावां थाने की सीमा से जुड़ा है।

एएसपी अभियान कुमार आलोक के नेतृत्व में एसएसबी व एसटीएफ की चीता बटालियन के जवान उस इलाके में रविवार की देर रात से जंगलों में सर्च अभियान चला रहे थे। इसी दौरान सुबह डैम से कुछ दूरी पर स्थित जंगल की झाड़ियों में छुपाकर रखे गये हथियार व एक्सप्लोसिव बरामद किये गये। बरामद किये गये सामानों में एक कन्ट्री मेड रायफल, 36 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर व 41 जिलेटिन के रॉड शामिल हैं। इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। पुलिस के मुताबिक इसके पीछे नक्सलियों का हाथ है। नक्सली इस प्रकार के एक्सप्लोसिव का उपयोग अक्सर पैदल गश्त लगा रहे जवानों पर ब्लास्ट करने में करते हैं।

पुलिस ने इन एक्सप्लोसिव से जिले में किसी बड़ी तबाही के फैलाने की आशंका जतायी है। पुलिस के मुताबिक बरामद किये गये एक्सप्लोसिव से भारी तबाही मचायी जा सकती थी। गोवन्दिपुर इलाके में पिछले दो महीनों से नक्सलियों का जत्था अक्सर मंडराते हुए देखा जा रहा था। इसे लेकर उस इलाके में सुरक्षाबलों द्वारा लगातार ऑपरेशन चलाया जा रहा था। आशंका जतायी जा रही है कि इस एक्सप्लोसिव से सुरक्षाबलों को भी निशाना बनाया जा सकता था। इस मामले में नक्सलियों के विरुद्ध गोवन्दिपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी जा रही है।

ये एक्सप्लोसिव राजस्थान से लाये जाते हैं। एक्सप्लोसिव की फैक्ट्री भरतपुर के समीप है। एक्सप्लोसिव सर्फि लाइसेंसधारकों को ही दिये जाते हैं। वे इसे पत्थर तोड़ने में ब्लास्ट करने के लिए इसका उपयोग करते हैं। आशंका है कि उन्हीं लाइसेंसधारकों में से कुछ लोग इसे नक्सलियों को बेच देते हैं। इलेक्ट्रिक डेटोनेटर से पावर सप्लाई कर जिलेटिन रॉड को ब्लास्ट किया जाता है। डेटोनेटर का तार सर्फि बाहर दिखायी देता है। बाकी जमीन के भीतर छुपाकर रखा जाता है। अपराधी इसे माइका अवैध खनन में ब्लास्ट के लिए भी उपयोग में लाया जाता है।

एक्सप्लोसिव की आपूर्ति नक्सलियों को कुरियर के माध्यम से की जाती है। एक कुरियर संबंधित जगह पर डिलीवरी देता है व दूसरा उसे वहां से उठाकर गंतव्य स्थान पर पहुंचा देता है। इसमें दोनों कुरियरों की आपस में मुलाकात नहीं होती। लिहाजा, दोनों की पहचान गुप्त बनी रहती है। इसे कोडरमा के रास्ते नवादा की सीमा में लाया जाता है।

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