नई लोकसभा के स्पेशल-11: पहली बार लोकसभा पहुंचे इन सांसदों पर रहेगी देश की खास नजर
नई दिल्ली
देश में आम चुनाव के बाद 17वीं लोकसभा की तस्वीर साफ हो गई है. देश ने 542 सांसदों का चुनाव कर लिया है. नरेंद्र मोदी की सरकार प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में फिर वापसी कर चुकी है. इस बार की मोदी लहर में कई पार्टियों का जहां सफाया हो गया तो कई दिग्गज नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, नई लोकसभा में कई नए चेहरे भी पहुंचे हैं जिनकी पहचान आम नेताओं से काफी अलग है. कोई गुमनामी से सीधे संसद तक पहुंचा है तो कोई अलग-अलग क्षेत्रों में सुर्खियां बटोरने के बाद. इन खास सांसदों पर देश की निगाह अगले 5 साल तक रहेगी.
1. सनी देओल
जैसे मशहूर फिल्मी डायलॉग के लिए चर्चित अभिनेता सनी देओल ने चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में एंट्री की और पंजाब के गुरदासपुर से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं. सनी देओल ने कांग्रेस के दमदार नेता सुनील जाखड़ को हराकर सियासत में जोरदार एंट्री की और अब गुरदासपुर के सांसद हैं. सनी देओल के चुनाव प्रचार में हैंड पंप काफी चर्चित रहा था जो गदर फिल्म के एक सीन के कारण मशहूर हुआ था. चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर मीम्स के जरिए लोगों ने सनी देओल के फिल्मी डायलॉग्स और सीन को खूब चर्चित भी किया. लेकिन एक सांसद के रूप में अब सनी देओल की परीक्षा रील लाइफ की बजाय रियल लाइफ में होगी. उन्हें जहां गुरदासपुर के लोगों की समस्याओं को सुलझाना होगा वहीं संसद में बीजेपी सदस्य का रोल भी निभाना होगा. इस कारण अगले 5 साल पूरे देश की नजर उनपर होगी.
2. तेजस्वी सूर्या
बीजेपी की ओर से सबसे युवा सांसद चुनकर आए तेजस्वी सूर्या की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है. तेजस्वी सूर्या बेंगलुरू दक्षिण सीट से चुनाव जीतकर आए हैं और फायरब्रांड वक्ता के रूप में जाने जाते हैं. साउथ में पांव पसारने की कोशिश में लगी बीजेपी को तेजस्वी सूर्या जैसे युवा नेताओं से काफी उम्मीदें हैं. 28 साल के तेजस्वी सूर्या पेशे से वकील हैं और हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं. सूर्या मूल रूप से कर्नाटक के चिकमंगलूर जिले के रहने वाले हैं और बासावानगुडी विधानसभा से विधायक एल. ए. रविसुब्रमण्यन के भतीजे हैं.
सूर्या ने बेंगलुरु के इंस्टिट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज से पढ़ाई की है. वे फिलहाल भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश महासचिव हैं. साथ ही पार्टी की नेशनल सोशल मीडिया टीम के भी सदस्य हैं. सूर्या को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पसंद बताया जाता है. वे आरएसएस और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में भी रहे हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार के निधन के बाद उनकी पत्नी तेजस्विनी अनंत को टिकट मिलने की बात कही जा रही थी लेकिन मौका तेजस्वी को मिला. तेजस्वी ने इस चुनाव में कांग्रेस महासचिव बी के हरिप्रसाद को 3,31,192 वोट से हराकर जीत दर्ज की.
3. गौतम गंभीर
बीजेपी के नवनिर्वाचित सांसद और क्रिकेटर गौतम गंभीर भी कम चर्चा में नहीं हैं. अक्खड़ स्वभाव के गौतम गंभीर ने बीजेपी के टिकट पर पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव जीता. आम आदमी पार्टी उम्मीदवार आतिशी मार्लेना के बारे में विवादित पर्चे पर जब केजरीवाल ने गंभीर को घेरा तो गंभीर ने सीधी लड़ाई केजरीवाल से मोल ली और गलत साबित होने पर सियासत छोड़ देने तक की चुनौती दे दी. उनके सामने कांग्रेस के दिग्गज नेता अरविंदर सिंह लवली भी थे लेकिन जीते गौतम गंभीर. 2011 क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में अपनी ठोस पारी से भारत को विश्व विजेता बनाने वाले गंभीर की सियासी पारी पर अब सबकी नजर है.
4. स्मृति ईरानी
इस चुनाव में सबसे बड़ी जीत अमेठी में स्मृति ईरानी की मानी जा रही है. स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को उन्हीं के मजबूत गढ़ अमेठी में शिकस्त दी. 2014 में भी स्मृति ईरानी अमेठी से उतरी थीं लेकिन तब जीत उनके हिस्से नहीं आई थी. 2019 में दूसरी कोशिश में इस बार वे राहुल गांधी का किला ढाहने में कामयाब रहीं. अमेठी से जीतने के बाद स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया- 'कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता'.
हालांकि, इससे पहले भी वे राज्यसभा की सदस्य के रूप में मोदी सरकार में शामिल थीं लेकिन अब लोकसभा की सदस्य हैं. अमेठी में बीजेपी को और मजबूत करने की जिम्मेदारी उनपर होगी. अपने लोकसभा क्षेत्र के अलावा आसपास के इलाकों में भी बीजेपी को मजबूत करने में उनकी भूमिका पर पार्टी की नजर रहेगी.
5. मिमी चक्रवर्ती
बंगाल की जादवपुर सीट से चुनाव जीतकर बंगाली फिल्मों की खूबसूरत अभिनेत्री मीमी चक्रवर्ती लोकसभा पहुंची हैं. वे ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से सांसद चुनी गई हैं. मिमी चक्रवर्ती की सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है. उन्हें सबसे खूबसूरत सांसद बताया जा रहा है. इस साल भी उनकी दो फिल्में रिलीज को तैयार हैं.
मिमी चक्रवर्ती ने करीब तीन लाख वोटों के अंतर से चुनाव जीता. चुनाव प्रचार के दौरान मिमी पर लगातार तगड़े हमले किए गए. असल में चुनाव प्रचार के दौरान उनका एक वीडियो वायरल हो गया था. जिसमें मिमी चक्रवर्ती के आम लोगों से ग्लव्सक लगाकर हाथ मिलाने पर विवाद छिड़ गया. विवाद बढ़ने पर मिमी चक्रवर्ती के ऑफिीस को सफाई देनी पड़ी कि लगातार धूप में यात्रा और दिनभर में हजारों लोगों से हाथ मिलाने के चलते उनके हाथों में थोड़ी इंजरी हो गई थी. इसलिए उन्हें ग्लव्स लगाने पड़े.