दो युवकों को कुचलने वाली बस थाने में रातोंरात बदली, यूपी पुलिस का बड़ा खेल

 मेरठ 
यूपी के मेरठ में पुलिस का बडा़ खेल सामने आया है। यहां परीक्षितगढ़ थाने में सात महीने पहले जिस बस से कुचलकर दो युवकों की मौत हुई थी, वह बस थाने में रातोंरात बदल दी गई। एक अधिकारी के इशारे पर यह सबकुछ हुआ। थाने का स्टाफ 'ऊपर' से आदेश आने का हवाला देकर चुप्पी साधे है। पूरे मामले में एसपी देहात ने सीओ सदर देहात को जांच सौंप दी है।

परीक्षितगढ़ में बस स्टैंड पर 7 दिसंबर 2019 को बड़ा हादसा हुआ था। स्टंटबाजी करते बाइक सवारों को बचाने के प्रयास में किठौर-मवाना मार्ग पर चलने वाली प्राइवेट बस एक दुकान में जा घुसी थी। इस हादसे में वहां खड़े दो राहगीरों अर्जुन और बाबू खां की मौत हो गई थी। कई लोग घायल भी हुए थे। हादसे के बाद पुलिस ने बस को थाना परिसर में लाकर खड़ा कर दिया। छानबीन में सामने आया कि यह बस उत्तराखंड से डग्गामार होने पर खरीदी गई। मेरठ आरटीओ कार्यालय में इसे रजिस्टर्ड भी नहीं कराया गया था। सात जून 2020 को थाने में खड़ी यह बस बदल दी गई। उसके स्थान पर मेरठ नंबर की दूसरी बस खड़ी कर दी गई है। माना जा रहा है कि हादसे के आरोपी बस मालिक को बचाने के लिए यह सब खेल किया गया।

जानकारी की तो पता चला कि ऐसा हुआ है। एक पुलिसकर्मी ने कहा, 'साहब का आदेश आया था कि दुर्घटनाग्रस्त बस बदलकर दूसरी बस खड़ी करनी है। हमने वैसा ही कर दिया। ऐसा क्यों हुआ, हमें नहीं पता।' जानकारी में आया कि उक्त अफसर का जिले से ट्रांसफर हो चुका है। परीक्षितगढ़ थाने के इंस्पेक्टर मिथुन दीक्षित से इस बारे में पूछा गया तो बोले- मैं हाल ही में इस थाने में आया हूं। यह मामला पुराना है। इसलिए ज्यादा जानकारी नहीं है। अधिवक्ता अरविंद भारद्वाज ने पूरे प्रकरण की एसएसपी से शिकायत की है।

अविनाश पांडेय, एसपी देहात का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। इसकी जांच सीओ सदर देहात को दी गई है। प्रकरण में जो भी सच्चाई सामने आएगी, उसी के अनुसार कार्रवाई होगी।
 

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