दो किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से मिले CM कमलनाथ

भोपाल
दो किसान संगठनों द्वारा प्रदेश व्यापी किसान आंदोलन के आह्वान पर पहले दिन भोपाल और रायसेन जिलों में किसानों ने सड़कों पर प्रदर्शन किया। वहीं सब्जी मंडियों में सब्जी और भाजी की आवक प्रभावित हुई। जबकि दूध की आपूर्ति में कोई फर्क नहीं पड़ा है। लोगों के घरों में नियमित तौर पर दूध भेजा गया। वहीं 1 जून से हो रहे दूसरे चरण के आंदोलन को लेकर समन्वय भवन भोपाल में रणनीति बनी। यहां मुख्यमंत्री कमलनाथ पहुंचे और किसान संगठन के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा करते हुये उनकी मांगों को दूर करने का आश्वासन दिया।

आठ दिन तक चलने वाले आंदोलन की शुरूआत बुधवार से भारतीय किसान यूनियन ने की जो 31 मई तक चलेगा। इसके बाद भारतीय किसान संघ ने 1 से 5 जून तक हड़ताल करने का ऐलान किया है। किसानों ने अपनी उपज को मंडी तक नहीं पहुंचाने की घोषणा की है। लेकिन भोपाल सहित अन्य जिलों से मिली खबरों के अनुसार किसान रुटीन में सब्जी बेचने मंडी पहुंचे।

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि चुनाव से पहले सरकार ने दो लाख तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। किसानों को बैंकों से नोटिस भेजे जा रहे हैं। वहीं भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने बताया कि उनका आंदोलन 1 से 5 जून तक रहेगा। इसके पहले आज समन्वय भवन में सौ से अधिक किसान प्रतिनिधि जुटे। यहां मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पहुंचकर किसानों की समस्यायें जानी और आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को दूर करने सरकार कटिबद्ध है।

ये हैं प्रमुख मांगे

  • स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू हो।
  •  कृषि को लाभ का धंधा बनाया जाए।
  •  मंडी में उपज समर्थन मूल्य से नीचे दाम पर बिकने पर रोक लगे।
  •   सरकार की तरफ से किसान कर्ज माफी स्पष्ट हो।
  •   2 लाख तक कर्ज माफी में सभी किसानों को समानता से राशि दी जाए।
  •  फसल बीमा योजना में सुधार किया जाए।
  •  मंडी में बेची गई उपज का दाम नकदी में हो।

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