देश के बड़े कैंसर विशेषज्ञों से इलाज करा सकेंगे आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी

 नई दिल्ली
आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी जल्द ही देश के बड़े कैंसर विशेषज्ञों से सलाह ले पाएंगे। खास बात यह है कि इसके लिए उन्हें लंबी यात्रा भी नहीं करनी होगी। मरीज देशभर के बड़े विशेषज्ञों के नेटवर्क से डिजिटल माध्यम से जुड़ पाएंगे। नैशनल हेल्थ अथॉरिटी पार्टनरशिप के लिए नैशनल कैंसर ग्रिड से बातचीत कर रहा है, जोकि मुंबई के टाटा मैमोरियल हॉस्पिटल से वर्चुअल ट्यूमर बोर्ड संचालित करता है। यह बोर्ड ग्रिड के माध्यम से (डिजिटल नेटवर्क से जुड़े हॉस्पिटल्स में) जटिल कैंसर केसों को निपटाता है और यह आयुष्मान भारत के लाभार्थियों के लिए भी सर्वोत्तम इलाज मुहैया करा सकता है। 

अधिकारियों ने कहा कि एक बार प्रस्ताव लागू हो जाए तो कुछ अस्पतालों में एक से अधिक प्रकार के इलाज उपलब्ध नहीं होने की समस्या से भी राहत मिलेगी।कैंसर विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत में लगभग चौथाई मामले 'जटिल' होते हैं, जहां इलाज सरल नहीं होता है। 

आयुष्मान भारत के डेप्युटी सीईओ दिनेश अरोड़ा ने कहा, 'हम 2-3 सप्ताह में नैशनल कैंसर ग्रिड से समझौता होने की उम्मीद कर रहे हैं। इससे ना केवल इलाज तक पहुंच आसान होगी, बल्कि यह सभी प्रकार के कैंसर के लिए स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल्स और गाइडलाइन्स बनाने में भी मददगार होगा।' 

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) के तहत 30 फीसदी से अधिक मामले कैंसर के आ रहे हैं। सरकार ने इस योजना के तहत कैंसर केयर के लिए 400 करोड़ रुपये की राशि का आवंटन किया है। 

हालांकि, नेटवर्क में कैंसर अस्पतालों की कमी और कई राज्यों के इस योजना में शामिल नहीं होने से चुनौतियां बढ़ जाती हैं। इस समय योजना के तहत सूचीबद्ध 1,574 अस्पतालों में कैंसर का इलाज उपलब्ध है। इनमें से 438 अस्पतालों में ही एक से अधिक तरह का उपचार (जैसे- रेडियोथैरेपी, कीमोथैरेपी) उपलब्ध है। 

आंकड़े बताते हैं कि PMJAY के तहत कैंसर केयर के लिए 2.20 लाख लोग भर्ती हुए हैं। इसमें से 1,53,000 मेडिकल ऑनकोलॉजी केस थे, जबकि 44,479 ने रेडियोथैरेपी और अन्य सर्जरी और पीडियाट्रिक ऑनकोलॉजी से थे। गौरतलब है कि आयुष्मान भारत के तहत 10 करोड़ परिवारों के 50 करोड़ सदस्यों को सालाना 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस उपलब्ध कराया जा रहा है। 
 

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