‘देश के प्रहरी’, किसान के बेटे से लेकर टैक्सी ड्राइवर के बेटे तक बने, मिला सम्मान

 
देहरादून

नवनियुक्त अधिकारी सार्थक धवन के लिए शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड एक सपने के पूरा होने जैसी थी। अपने माता-पिता को उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए कड़ा संघर्ष करते हुए देखा था, वह हमेशा चाहते थे कि उनके माता-पिता को गर्व हो। वहीं दूसरी ओर पंजाब के एक किसान के बेटे आकाशदीप ढिल्लन ने भी भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड के बाद देश की सेवा का संकल्प लिया।

धवन ने कहा कि उनके पिता 30 साल से अधिक समय से स्कूली बच्चों को ऑटोरिक्शा से लेकर जाते हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने अपने माता-पिता को हर चीज के लिए संघर्ष करते देखा है और मैं हमेशा उन्हें गर्व महसूस कराना चाहता था। आज मैंने सेना में भर्ती होकर उस सपने को पूरा किया है।' धवन ने पहले नैशनल डिफेंस एकेडमी में अपनी ट्रेनिंग पूरी की, यह मौका उन्हें पहली ही कोशिश में मिला था। उन्होंने कहा, 'मेरी मां मुझे इस वर्दी में देखने के लिए नहीं हैं, लेकिन मुझे पता है कि कहीं न कहीं वह मुझे आशीर्वाद दे रही हैं।'

पैराशूट रेजिमेंट में शामिल हुए ढिल्लन
दूसरी ओर पंजाब के आकाशदीप ढिल्लन को जानी-मानी पैराशूट रेजिमेंट मिली है। ढिल्लन ने कहा कि जब से मैंने कपूरथला में सैनिक स्कूल में दाखिला लिया था, तब से मैं सेना में भर्ती होने का सपना देख रहा था। 21 वर्षीय आकाशदीप ने कहा कि उन्हें समर्पण और कड़ी मेहनत उनके परिवार ने सिखाई थी, जिससे उन्हें स्वॉर्ड ऑफ ऑनर हासिल करने में मदद मिली। ढिल्लन सेना में शामिल होने वाले अपने परिवार के पहले व्यक्ति हैं।

पिता से सीखी दृढ़ता: ढिल्लन
ढिल्लन ने कहा कि मैंने जीवन में अपने पिता के संघर्षों को देखा है, मैंने उससे दृढ़ता सीखी। उन्होंने देश के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि अपने सपनों को जिंदा रखें और कभी हार न मानें।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *