‘देवता’ बचाने की ‘जंग’: आदिवासियों ने कहा इस शर्त पर ही खत्म होगा आंदोलन

दंतेवाड़ा
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिला स्थित किरंदुल में पांच दिनों से चल रहा आदिवासियों का धरना प्रदर्शन मंगलवार को भी जारी है. आज कांग्रेस के आदिवासी नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व वन मंत्री मोहम्मद अकबर से मिला. मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल की मांगों को मानकर नंदराज पहाड़ पर पेड़ों की कटाई तत्काल प्रभाव से रोकने सहित अन्य निर्देश दिए, लेकिन इसके बाद भी किरंदुल में धरने पर बैठे आदिवासियों ने अपना प्रदर्शन जारी रखने की बात कही है.

आदिवासियों के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही संयुक्त पंचायत संघर्ष सामिति का कहना है कि आंदोलन जारी रहेगा. समिति के सदस्य राजू भास्कर, नंदा व अन्य का कहना है कि जब तक खदान को निरस्त करने का लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा तब तक आंदोलन खत्म नहीं करेंगे. आदिवासियों का बड़ा समूह किरंदुल के एनएमडीसी चेकपोस्ट के सामने बीते 7 जून से धरना दे रहा है. इस धरना प्रदर्शन को तमाम राजनीतिक दल समर्थन दे रहे हैं. आदिवासी बैलाडीला के नंदग्राम (नंदराज) पहाड़ी पर खुदाई का विरोध कर रहे हैं.

बस्तर से आए कांग्रेस के आदिवासी नेताओं के प्रतिनिधि मंडल से चर्चा करने के बाद सीएम भूपेश बघेल ने मांगों को मानते हुए निर्देश दिए. इसमें नंदराज पर्वत पर पेड़ों की कटाई पर तुरंत रोक, वर्ष 2014 के फर्जी ग्राम सभा के आरोप की जांच, क्षेत्र में संचालित खनन कार्यों पर रोक और राज्य सरकार की ओर से भारत सरकार को पत्र लिख कर जन भावनाओं की जानकारी देने का निर्णय लिया गया है. नंदराज पहाड़ी पर पेड़ों की कटाई की जांच को लेकर तीन सदस्यीय समिति का गठन भी कर दिया गया है. इसमें जांच के बाद कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. सीएम ने मीडिया को इसकी जानकारी दी. मालूम हो कि कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल में बस्तर सांसद दीपक बैज और कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम, दंतेवाड़ा की पूर्व विधायक देवती कर्मा, पूर्व मंत्री अरविंद नेताम सहित अन्य शामिल थे.

कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर रहे बस्तर सांसद दीपक बैज ने मीडिया से चर्चा में कहा कि आदिवासियों की लड़ाई में वे उनके साथ हैं. धरना दे रहे लोगों की मांग को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को मान लिया है. चूंकि मामला केन्द्र सरकार से जुड़ा है. इसलिए संसद में आगामी सत्र में वे इस मामले को उठाएंगे और नंदराज पर्वत पर खनन की रोक लगाने की मांग करेंगे.

आदिवासी बैलाडीला के नंदग्राम (नंदराज) पहाड़ी पर खनन की अनुमति का विरोध कर रहे हैं. आदिवासियों का मानना है कि नंदग्राम पहाड़ की पूजा वे अपने कुलदेव नंदराज के रूप में करते हैं, इसलिए वे उस पहाड़ की खुदाई होने नहीं दे सकते. इसको लेकर ही बीते 7 जून से सुबह तीन बजे से आदिवासियों का समूह एनएमडीसी के सामने धरना देकर प्रदर्शन कर रहा है. संयुक्त पंचायत जन संघर्ष समिति के मंगल कुंजाम का कहना है कि दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर ज़िलों सहित पड़ेसी राज्य ओड़िशा और महाराष्ट्र के हज़ारों आदिवासियों के देवताओं का घर नंदराज पर्वत है और यह आदिवासियों की आस्था से जुड़ा हुआ सवाल है. हम आदिवासी किसी के भी द्वारा इस नंदराज पर्वत की खुदाई के सख़्त ख़िलाफ़ हैं.

मंगल कुंजाम का कहना है कि जिस डिपॉजिट 13 की खुदाई का ठेका अडानी समूह की कंपनी को दिया गया है, वहां हमारे देवता नंदराज की पत्नी पित्तोड़ रानी का मायका भी है. ऐसे में इस पहाड़ी का हम आदिवासियों के लिए धार्मिक महत्व है. ऐसे में इसकी खुदाई किसी को भी नहीं करने देंगे. हमारे देवताओं की इस पहाड़ी को बचाने के लिए हम संघर्ष कर रहे हैं. हम अपने देवता को बचाने की जंग लड़ रहे हैं.
 

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