दुती का छलका दर्द, मेडल जीतकर इतिहास रचने के बावजूद नहीं मिली टॉप्स में जगह

नई दिल्ली
सामने कोई भी चुनौती आई या फिर मुश्किल आन पड़ी दुती चंद ने उसका सामना हौसले के साथ लड़कर दिया, लेकिन विश्व यूनिवर्सियाड में देश की पहली महिला गोल्ड मेडलिस्ट स्प्रिंटर अब तक यह समझ में नहीं पाई हैं कि उन्हें टॉरगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) में क्यों शामिल नहीं किया गया है। दुती ने अमर उजाला को साफ किया है कि वह हमेशा प्रदर्शन से जवाब देती आई हैं। उन्होंने दो से तीन बार खुद को टोकियो ओलंपिक की तैयारियों के लिए टॉप्स में शामिल किए जाने को बोला, लेकिन नहीं किया गया। अब वह टॉप्स में शामिल किए जाने की गुहार नहीं लगाएंगी। वह मदद के लिए उड़ीसा सरकार के आगे हाथ फैला लेंगी।

दुती का कहना है कि एशिया स्तर पर मेडल देने वाले दूसरे एथलीट टोकियो ओलंपिक की तैयारियों के लिए टॉप्स में हैं। वह खुद एशियन गेम्स, एशियन चैंपियनशिप में मेडल जीत चुकी हैं और अब विश्व यूनिवर्सियाड का गोल्ड भी जीत लिया है, लेकिन उन्हें टॉप्स में रखने के लायक नहीं समझा गया। अगर उन्हें नहीं रखा जा रहा है तो ठीक है। वह उन्हें रखने के बारे में और नहीं बोलेंगी।

दुती साफ करती हैं कि उड़ीसा सरकार ने चुनाव और फेनी तूफान की वजह से अर्जुन अवार्ड के लिए उनका आवेदन देर से भेजा। उड़ीसा सरकार ने खेल मंत्रालय से फिर कोशिश की है। उन्हें उम्मीद है कि उनका आवेदन स्वकार किया जाएगा। उनका प्रदर्शन कुछ सालों में बहुत अच्छा रहा है। वह रियो ओलंपिक में 36 साल बाद 100 मीटर में दौडने वाली पहली स्प्रिंटर बनीं। वह पांच साल से नंबर वन हैं। उनकी वल्र्ड रैंकिंग 34 है। इस लिए उम्मीद है कि उन्हें अर्जुन अवार्ड इस बार जरूर मिलेगा।

दुती के मुताबिक उनका पहला लक्ष्य विश्व चैंपियनशिप केलिए क्वालिफाई करना है। वह दुर्भाग्यशाली रहीं कि विश्व यूनिवर्सियाड के दौरान सेकेंड के दो सौवें हिस्से से वह क्वालिफाई करने से चूक गईं। उन्होंने 11.26 सेकेंड का समय निकाल गोल्ड जीता, जबकि क्वालिफिकेशन  11.24 है। दुती याद करती हैं उनकी साथ यह पहली बार नहीं हुआ है। रियो ओलंपिक के लिए उन्होंने दिल्ली में 11.31 सेकेंड का समय निकाला था जबकि ओलंपिक क्वालिफिकेशन 11.30 सेकेंड था। वह 14 व 18 अगस्त को कोच एन रमेश के साथ जर्मनी में दो प्राइवेट कंपटीशन खेलने जा रही हैं। यहां वह क्वालिफाई करने की कोशिश करेंगी। इससे पहले उन्होंने 2017 में लंदन वल्र्ड चैंपियनशिप में 12.10 सेकेंड का समय निकाला था, लेकिन तब उन्हें वायरल फीवर हो गया था। वह इस समय भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में रमेश के साथ तैयारी कर रही हैं।

दुती खुलासा करती हैं कि टोकियो ओलंपिक केलिए उनका मुख्य ध्यान 100 मीटर पर रहेगा। ओलंपिक में 11.15 सेकेंड का क्वालिफिकेशन है उनका लक्ष्य इस समय को छूने का रहेगा। उनके नाम अभी 11.24 सेकेंड का राष्ट्रीय कीर्तिमान है।

एक पत्रिका की ओर से देश के 50 सबसे मजबूत शख्सियतों में शुमार की गईं दुती कहती हैं कि उनका पास पैसा नहीं है तो क्या लेकिन वह अपने काम से एक दिन देश की सबसे मजबूत व्यक्ति बन कर दिखाएंगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *