दीपक बोला- मैं ठीक होकर घर आया तो लोग ऐसे देख रहे थे जैसे मैं हत्या करके आया हूं… ये वक्त नफरत का नहीं, हमदर्दी जताने का है

शिवपुरी
जिले के पहले कोरोना पीड़ित दीपक शर्मा अब पूरी तरह ठीक हो गए हैं। शनिवार को उनकी तीसरी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया है। फिलहाल उन्हें 14 अप्रैल तक होम क्वारेंटाइन में ही रहने के लिए कहा गया है। कोरोना को मात देकर घर लौटे दीपक शर्मा ने बताया कि उसने डॉक्टरों के इलाज के साथ खुद पर पूरा भरोसा रखा। मन में किसी भी तरह के नकारात्मक भाव नहीं आने दिए। सकारात्मक सोच के साथ वह ठीक होने का इंतजार करता रहा। इसी इच्छा शक्ति की बदौलत ठीक होकर घर लौट आया हूं। उम्मीद है कि दूसरे लोग भी मनोबल बनाकर चलें और इलाज कराएं तो कोरोना बीमारी आसानी से ठीक हो जाएगी।

दुबई से 18 मार्च की रात 9 बजे शिवपुरी लौटे दीपक शर्मा को 21 मार्च को कोरोना के लक्षण आए थे। इसके बाद उसका सैंपल लिया गया था। दीपक ने कहा कि जैसे ही उसे यह लगा कि उसमें कोरोना के लक्षण हैं तो सतर्कता बरतनी शुरू कर दी। परिजन से दूरी बना ली। घर में होने के बाद भी उनसे दूरियां हो गईं। कमरा, बिस्तर, बर्तन तक अलग हो गए। यह देख घरवालों को चिंता हुई कि ऐसा क्यों कर रहा है।

मां मुझसे कहती थी कि बेटा तुझे तो कुछ भी नहीं है फिर ये सब क्यों। 24 मार्च को रिपोर्ट में बॉर्डर लाइन कोरोना पॉजीटिव निकला। इसके बाद मुझे जिला अस्पताल के अइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने पर क्वारंटाइन सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया। तीसरे सैंपल की 3 अप्रैल को िनगेटिव रिपोर्ट आते ही डॉक्टरों ने 4 अप्रैल को छुट्‌टी कर दी। शनिवार की शाम डॉक्टरों ने 14 दिन घर में ही रहने की सलाह देकर घर पहुंचा दिया। घर पहुंचने पर मैंने नहाया और खाना खाने के बाद माता, पिता और बहन के साथ सेल्फी ली। इन 11 दिनों में जेल जैसा अहसास हो गया।

दीपक ने बताया कि विपदा अचानक आई थी। इसलिए जिला अस्पताल में शुरूआत में व्यवस्थाएं ठीक नहीं थीं। लेकिन धीरे-धीरे सुधार हुआ। किसी मेहमान की तरह मैं भी सामंजस्य बनाकर चला। बाद में खुद को हालातों में ढाल लिया। इस बीच परिवार से फोन पर संपर्क बनाए रखा। अब लौटकर आया हूं तो ऐसा लग रहा है कि जंग जीतकर आया हूं।

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