दीक्षांत समारोह का संचालन विद्यार्थियों से कराएं- राज्यपाल श्रीमती पटेल

भोपाल
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने कहा है कि छात्र-छात्राओं की समस्याओं का जवाबदारी के साथ समाधान किया जाये। समस्या की उत्पत्ति के कारणों को दूर करने के प्रयास किये जायें, जिससे भविष्य में पुन: समस्या नहीं हो। श्रीमती पटेल राजभवन में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक को संबोधित कर रही थी।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालयों पर देश की भावी पीढ़ी के निर्माण का उत्तरदायित्व है। संस्थान के संचालन और प्रबंधन का कार्य अनुशासित और नियमानुसार होना अनिवार्य है। उन्होंने कुलपतियों से कहा कि अपने क्षेत्र के महाविद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा करें। अकादमिक कैलेन्डर का कड़ाई से पालन हो। दीक्षांत समारोह प्रतिवर्ष अनिवार्य रूप से किये जायें और संचालन विद्यार्थियों से कराया जाए। उपाधि प्रमाण-पत्र आकर्षक ढंग से प्रस्तुत और प्रदर्शित किये जाने के स्वरूप में दिये जायें। महापुरूषों के प्रेरक संदेश को भी यथा-स्थान समायोजित करने की पहल की जाये। विश्वविद्यालयों में विगत एक वर्ष के दौरान हुए कार्यों की प्रदर्शनी लगाई जाये। दीक्षांत समारोह के पूर्व आमंत्रित विद्वान के साथ विद्यार्थियों का संवाद करवाया जाये। उनके विचारों को प्रिंट कराकर विद्यार्थियों में वितरित भी कराया जाए। स्थाई स्मृति के लिए विद्यार्थियों को उनकी फोटो भी उपलब्ध करवाना चाहिए। समारोह में सफल पूर्व छात्र के उद्बोधन की व्यवस्था की जानी चाहिए। परीक्षा संचालन सी.सी.टीवी व्यवस्था से हो। उत्तर पुस्तिकाओं में बारकोड होना अनिवार्य हो।

राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि वरिष्ठ छात्रों को जूनियर्स को पुस्तकें सौंपने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। पुस्तकों के प्राप्त सेट को व्यवस्थित तरीके से रखा जाये ताकि जरूरतमंद छात्र उन्हें आवश्यकता अनुसार प्राप्त कर सकें। विश्वविद्यालय, उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के बीच ज्ञानवर्धक प्रतियोगिताएँ भी आयोजित करने की पहल करें। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर पिछले वर्ष से अधिक प्रतिभागियों का शामिल होना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक पुनर्वास के लिये महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को प्रेरित किया जाये। दिव्यांग और शहीद सैनिकों की संतानों को उच्च शिक्षा में मदद के लिए आगे आने को कहें। राज्यपाल ने बताया कि जिला स्तर पर रेडक्रास सोसायटी से पूर्व सैनिकों की जानकारी प्राप्त कर उन्हें उपलब्ध कराई जायेगी।

बैठक में राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा स्मार्ट क्लास प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया गया। बताया गया कि प्रोजेक्ट से अंतर्विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय- महाविद्यालय, विश्वविद्यालय-राजभवन के मध्य वर्चुअल सम्पर्क और एक साथ करीब 500 कक्षाएँ संचालित करने की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।

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