दिल्ली में 80 साल की शीला के भरोसे कांग्रेस, फिर बनीं अध्यक्ष

नई दिल्ली 
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित (80) के हाथ में फिर से प्रदेश कांग्रेस की कमान आ गई है। अजय माकन के इस्तीफे के बाद से ही इस बात की उम्मीद की जा रही थी कि अनुभवी दीक्षित को ही पार्टी की कमान सौंपी जाएगी। कांग्रेस नेता पीसी चाको ने शीला दीक्षित को दिल्ली कांग्रेस का चीफ बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि हारून यूसुफ, राजेश लिलोठिया, देवेंद्र यादव को वर्किंग प्रेजिडेंट बनाया गया है। 

माना जा रहा है कि माकन ने आप के साथ गठबंधन की संभावना को देखते हुए इस्तीफा दिया। मध्य प्रदेश और राजस्थान में अनुभवी पुराने कांग्रेसियों को कमान देने की तर्ज पर ही राहुल गांधी ने दिल्ली की कमान शीला दीक्षित को सौंपी है। वहीं, अजय माकन ने ट्वीट कर शीला दीक्षित को फिर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं। 

आपको बता दें कि 20 साल बाद शीला दीक्षित दिल्ली की पीसीसी चीफ बनेगी। माकन ने लिखा, 'मुझे विश्वास है कि शीलाजी की अगुआई में हम, मोदी+केजरीवाल सरकारों के विरोध में एक सशक्त विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।' 

पार्टी संगठन में फिर से जान फूंकना चुनौती 
दिल्ली में कांग्रेस को एक ऐसे हाथ की जरूरत है, जो पार्टी को तीसरे स्थान से ऊपर ले जा सके। अजय माकन ने स्वास्थ्य कारणों का जो हवाला दिया है, उसके बाद कांग्रेस को दिल्ली के लिए शीला दीक्षित से बेहतर नाम अभी नहीं दिख रहा था। शीला का कद और अनुभव सब पर भारी पड़ता दिखा। आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी राहुल गांधी ने कांग्रेस के पुराने वफादारों कमलनाथ और अशोक गहलोत को ही कुर्सी सौंपी। 

युवाओं को भी देंगे मौका 
सूत्रों के मुताबिक, आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में शीला को नेतृत्व सौंपा है। साथ ही युवा नेता भी नाराज ना हों और शीला की उम्र व स्वास्थ्य को देखते हुए तीन वर्किंग प्रेजिडेंट बनाए गए हैं। 

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