दिल्ली में शुरू की भूख हड़ताल, नरेंद्र मोदी को चंद्रबाबू नायडू की चुनौती

नई दिल्ली 
आम चुनावों की तारीख नजदीक आने के साथ ही सियासी सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं. राजनीतिक पार्टियों ने इस मौके को देखते हुए अपने अनुकूल मुद्दों को उठाना तेज कर दिया है. इसी क्रम में तेलुगू देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपने राज्य को विशेष दर्जा दिलाने की मांग तेज कर दी है. इसके लिए उन्होंने दिल्ली में एक दिन की भूख हड़ताल शुरू कर दी है.

आंध्र को विशेष दर्जा दिलाने और राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के तहत केंद्र के वादों को पूरा करने की मांग को लेकर वह यहां आंध्रा भवन पर एक दिवसीय भूख हड़ताल कर रहे हैं. उनके साथ पार्टी के तमाम नेता भी मौजूद रहेंगे. भूख हड़ताल से पहले नाडयू ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की.
 
छोड़ दिया था मोदी सरकार का साथ
टीडीपी राज्य के बंटवारे के बाद आंध्र प्रदेश से किए गए अन्याय का विरोध करते हुए पिछले साल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत NDA से बाहर हो गई थी. टीडीपी की ओर से जारी बयान ने कहा गया है कि नायडू सोमवार को सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक आंध्र भवन में भूख हड़ताल पर बैठेंगे. वह 12 फरवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे. मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों, पार्टी के विधायकों, एमएलसी और सांसदों के साथ धरना देंगे. राज्य कर्मचारी संघों, सामाजिक संगठनों और छात्र संगठनों के सदस्य भी इसमें शामिल होंगे.
 
आम आदमी पार्टी भी भरेगी हुंकार
इस बीच, लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत केंद्र सरकार के खिलाफ दिल्ली में 13 फरवरी को गैर भाजपाई नेताओं की एक महारैली आयोजित कर रही है. आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने रविवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि तानाशाही हटाओ, देश बचाओ रैली 13 फरवरी को जंतर मंतर पर आयोजित की जाएगी. मोदी सरकार के खिलाफ सभी विपक्षी नेता इस रैली में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि इसमें वे सभी नेता शामिल होंगे जिन्होंने पिछले महीने कोलकाता में ममता बनर्जी की रैली में शिरकत की थी.
वहीं सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के इस रैली में भाग लेने की संभावना नहीं है. इस में ममता बनर्जी और चंद्रबाबू नायडू समेत अन्य विपक्षी नेता शिरकत कर सकते हैं. गोपाल राय ने बताया कि लोकसभा चुनाव में कुछ महीने ही शेष रह गए हैं, ऐसे समय में यह रैली विपक्षी नेताओं को साथ लाने और एनडीए को चुनौती देने के लिए महागठबंधन की स्थापना में मदद करेगी.

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