दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों के हजारों आवेदन अटके

 नई दिल्ली 
दिल्ली की कच्ची कॉलोनियों में मालिकाना हक पाने की प्रक्रिया में सॉफ्टवेयर की समस्या से बाधा आ  रही है। दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा जारी किए गए पोर्टल पर लोगों की संपत्ति की लाइव लोकेशन अपलोड नहीं हो पा रही है। पोर्टल शुरू होने के 12 दिन बाद भी हजारों लोगों के पूरे दस्तावेज अपलोड नहीं हो सके हैं।

ऑनलाइन प्रक्रिया में पोर्टल पर पूरे दस्तावेज जमा नहीं हो पाने के कारण कच्ची कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक के लिए इंतजार का समय और बढ़ सकता है। 

अपलोड करने में दिक्कत : डीडीए ने जिओ कोर्डिनेट यानी दस्तावेजों की लाइव लोकेशन देने के लिए पूरी दिल्ली का डिजिटल मानचित्र तैयार किया है। इसका काम चार निजी एजेंसियों को दिया गया है। एजेंसियों ने सोमवार से जिओ कोर्डिनेट तैयार कर पोर्टल पर अपलोड करने शुरू किए हैं। इसके बावजूद हजारों की संख्या में आवेदक  ऐसे हैं जिनको दस्तावेज अपलोड करने में परेशानी आ रही है।

पोर्टल नंबर स्वीकार नहीं कर रहा :  पोर्टल द्वारा कोर्डिनेट नंबर को स्वीकृत नहीं किया जा रहा है। इससे हजारों लोगों का आवेदन फार्म पूरा नहीं हो पा रहा है। डीडीए द्वारा कन्वेंस डीड (मालिकाना हक) जारी करने की प्रक्रिया सारे आवेदन जमा होने के बाद ही शुरू की जाएगी। पंजीयन का काम पूरा होने के बाद लोगों को आपत्ति दर्ज कराने के लिए समय दिया जाएगा। किसी संपत्ति पर कोई आपत्ति नहीं मिलने पर ही लोगों को मालिकाना हक मिलेगा। 

25 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया : डीडीए के मुताबिक, 16 दिसंबर से लगातार रजिस्ट्रेशन का काम चल रहा है। इसके तहत 25 हजार से अधिक आवेदक ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं। 

लाइव लोकेशन अपलोड करनी है जियो कोर्डिनेट में
कच्ची कॉलोनियों के लोगों को संपत्ति के दस्तावेजों के साथ, संपत्ति की लाइव लोकेशन अपलोड करनी है। इसके आधार पर ही संपत्ति की मौजूदा स्थिति की पहचान की जाएगी। इसमें संपत्ति की लोकेशन के साथ-साथ पूरा पता, कॉलोनी के नाम समेत कई जरूरी दस्तावेज अपलोड किए जाने हैं।

डीडीए की सफाई, जल्द दूर करेंगे लोगों की समस्याएं
इस मामले में डीडीए के अधिकारियों ने भी माना है कि कहीं-कहीं समस्या आ रही है। अधिकारियों का कहना है कि पूरी दिल्ली में फार्म भरने के लिए 25 हेल्प डेस्क बनाई गई हैं, ज्यादातर स्थानों पर काम सरलता से चल रहा है। कहीं कोई समस्या है तो उसे जल्द दूर कर लिया जाएगा।

100  फार्म ही जमा
16 दिसंबर से 28 दिसंबर के बीच लगभग 100 लोगों के ही पूरे दस्तावेज डीडीए के पोर्टल पर जमा किए जा सके हैं।

40 लाख को लाभ
* 1731 कॉलोनियों में मिलना है संपत्ति का मालिकाना हक।
* 40 लाख दिल्ली के निवासियों को मिलना है संपत्ति का मालिकाना हक।
* 25 हजार लोग करा चुके हैं मालिकाना हक के लिए अपनी संपत्ति को पंजीकृत।
* 29 अक्तूबर को केंद्रीय मंत्रीमंडल ने मालिकाना हक देने की मंजूरी दी थी।

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