थैली भर चिल्लर लेकर लोन चुकाने पहुंचा पुजारी, कंपनी ने सिक्के लेने से किया इंकार
दमोह
मध्य प्रदेश क दमोह जिले में प्राइवेट संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय मुद्रा का बहिष्कार लगातार जारी है, जबकि किसी भी देश में उसकी ही राष्ट्रीय मुद्रा का बहिष्कार करना राष्ट्रद्रोह माना जाता है. इसके लिए कानून भी बनाए जाते हैं, जिससे उस राष्ट्र की आवाम को अपनी ही राष्ट्रीय मुद्रा का बहिष्कार करने से रोका जा सके.
हमारे देश में भी इसके लिए कड़े कानून बने हैं, लेकिन प्रशासन की उदासीनता और लचर व्यवस्था के चलते आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं. आलम यह है कि कोई भी दुकानदार सिक्के लेने को तैयार नहीं है. इसका जीता जागता उदाहरण शहर के जटाशंकर मंदिर में पदस्थ पुजारी अनुराग उपाध्याय ने दिया है. उन्होंने जनवरी माह में श्रीराम कंपनी से एक मोटर बाइक फाइनेंस करवाई थी, जिसकी सभी चार किश्ते फाइनेंस कंपनी द्वारा नोटों के रूप में नकद ली गई, लेकिन जब अनुराग उपाध्याय 5वीं किश्त के रूप में मंदिर में रोजाना मेहनताना में मिलने वाले 1 और 2 के सिक्के लेकर पहुंचे तो श्रीराम फाइनेंस कंपनी ने लेने से मना कर दिया.
इसके बाद पुजारी अनुराग उपाध्याय एसपी ऑफिस में डेरा डाल दिया, जिसके बाद एएसपी विवेक कुमार लाल ने कार्रवाई का आश्वासन देते हुए पुजारी का आवेदन लिया.