अप्रैल-मई में लगभग 70 करोड़ यूनिट अधिक बिजली की सप्लाई

भोपाल 
अप्रैल और मई माह में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 70 करोड़ यूनिट (12 प्रतिशत) अधिक बिजली सप्लाई की गयी। इस दौरान प्रदेश में बिजली की माँग में भी औसतन 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई। ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने निर्देश दिये हैं कि मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कम्पनी और तीनों डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनियाँ आपसी समन्वय से 'एक साथ-एक ही बार में'' मेंटेनेंस का काम पूरा करें। शट डाउन की जानकारी और सूचना जन-प्रतिनिधियों, जिला प्रशासन तथा जन-सामान्य को पहले से ही दी जाकर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाये। पावर मैनेजमेंट कम्पनी के प्रबंध संचालक एवं तीनों डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी के अध्यक्ष सुखबीर सिंह ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में बिजली की उपलब्धता में कोई कमी नहीं है। इस वर्ष बिजली की अधिकतम माँग 14 हजार मेगावॉट से अधिक की दर्ज हुई जिसे सफलता से पूरा किया गया। वर्तमान में प्रदेश में बिजली की अधिकतम माँग 9500 मेगावॉट से ऊपर दर्ज हो रही है जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह माँग 8600 मेगावॉट से ऊपर दर्ज हो रही थी।

पावर मैनेजमेंट कम्पनी के प्रबंध संचालक ने कहा कि इस वर्ष अप्रैल माह में 623.7 करोड़ यूनिट बिजली की सप्लाई की गयी। पिछले वर्ष इस अवधि में 552.5 करोड़ यूनिट बिजली की सप्लाई की गयी थी। मई माह में 670 करोड़ यूनिट बिजली की सप्लाई की गयी जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 600 करोड़ यूनिट थी। प्रबंध संचालक ने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही मानसून की दस्तक देने वाला है। मानसून के दौरान उपभोक्ताओं को निर्बाध एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली सप्लाई के लिये सभी फीडर का मेंटेनेंस किया जा रहा है। मेंटेनेंस के दौरान प्लान्ड शट डाउन लेना आवश्यक है। शट डाउन के दौरान संबधित क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति बाधित रहेगी। उन्होंने बिजली उपभोक्ताओं से अनुरोध किया कि वे डिवीजन/क्षेत्रीय कार्यालयों एवं संबंधित अभियंताओं/तकनीकी कर्मियों को सहयोग करें।

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