तो इस वजह से मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं हुई अनुप्रिया पटेल?
मिर्जापुर
अपना दल की संरक्षक और मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल इस बार मोदी कैबिनेट में शामिल नहीं हो पाईं, हालांकि वह शपथ ग्रहण समारोह के दौरान गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में मौजूद रहीं. अंदरखाने चर्चा है कि यूपी में बीजेपी की सहयोगी इस बार पद में प्रमोशन चाह रही थीं, लेकिन बीजेपी ने उनकी मांग को तवज्जो नहीं दी.
पार्टी सूत्रों की मानें तो इस बार अनुप्रिया पटेल कैबिनेट मंत्री तो नहीं, लेकिन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद चाह रही थीं. इस बाबत पार्टी ने बीजेपी आलाकमान को अवगत कराया भी था, लेकिन उनकी इस मांग के बाद बीजेपी की तरफ से कोई कॉल नहीं आया.
अनुप्रिया पटेल के पति और अपना दल के अध्यक्ष आशीष पटेल ने कहा कि कुछ तकनीकी वजहों से अनुप्रिया पटेल कैबिनेट में शामिल नहीं हुईं, लेकिन वह शपथ ग्रहण में मौजूद थीं. उन्होंने कहा कि एनडीए के साथ अपना दल (एस) का गठजोड़ जारी रहेगा.
गौरतलब है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में अनुप्रिया पटेल ने मिर्जापुर सीट से गठबंधन के तहत सपा प्रत्याशी राम चरित्र निषाद को करीब ढाई लाख वोटों से हराया है. वह पिछली सरकार में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भी थीं. लेकिन, इस बार उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई. इस बार बीजेपी से गठबंधन के तहत अपना दल (एस) ने यूपी की दो सीटों (मिर्जापुर और राबर्ट्सगंज) से चुनाव लड़ा था. दोनों ही सीटों पर पार्टी प्रत्याशी को जीत हासिल हुई.
गौर करने वाली बात यह है कि अपना दल (एस) और बीजेपी के रिश्तों में तनाव की ख़बरें कई बार मीडिया में आई हैं. लोकसभा चुनाव से पहले अपना दल ने कई बार यह भी आरोप लगाया था कि बीजेपी गठबंधन धर्म को नहीं निभा रही है. हालांकि, बाद में दोनों ही पार्टियों ने आपसी मतभेदों को दूर कर एकसाथ चुनाव लड़ा. यूपी के पूर्वांचल में अपना दल (एस) का कई सीटों पर प्रभाव है. अपना दल को कुर्मी बिरादरी समर्थन मिलता है जो चुनावों में निर्णायक साबित होता है.