तेल के भाव $20 हुए तो पेट्रोल-डीजल पर और बढ़ेगी एक्साइज ड्यूटी!

नई दिल्ली
क्रूड के दाम और गिरे तो पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हो सकती है। दरअसल, सरकार इस वक्त आम आदमी को राहत देने के साथ इकॉनमी को भी दुरुस्त करना चाहती है। यही कारण है कि उसने क्रूड यानी कच्चे तेल के दाम 26 डॉलर तक गिरने के बावजूद उसका पूरा फायदा लोगों तक नहीं पहुंचाया।

एक्साइज ड्यूटी 2 रुपये और बढ़ सकती है
पेट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी में 3 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। इससे सरकार के खजाने में 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आ जाएगी। सूत्रों का कहना है कि अगर क्रूड के दाम 20 डॉलर प्रति बैरल या इसके निचले स्तर पर आए तो सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में दो रुपये की और बढ़ोतरी कर सकती है। ऐसा करने से पेट्रोलियम कंपनियों पर कोई भार नहीं पड़ेगा। दूसरा, आम आदमी पर कोई बोझ डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्रूड के दाम में गिरावट का दौर जारी है। क्रूड के दाम 20 डॉलर प्रति बैरल पर आने की उम्मीद जताई जा रही है।

अब भी 2 रुपये का मार्जिन
सूत्रों का कहना है कि क्रूड के दाम 26 डॉलर प्रति बैरल पर आने के कारण पेट्रोल और डीजल के रिटेल दामों में करीब 8 रुपये की कमी बनती है। ऐसे में सरकार ने 3 रुपये की एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी। करीब 2.50 रुपये की कटौती ऑयल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दामों में कर दी। अब भी 2 रुपये का मार्जिन बचता है।

कुछ ऐसा हो सकता है गणित
अगर क्रूड के दाम 20 डालर प्रति बैरल से कम स्तर पर आए तो फिर पेट्रोल और डीजल के दामों में 4 से 5 रुपये की कटौती की गुंजाइश बनेगी। इसमें से 2 रुपये का फायदा सरकार अपने खजाने को बढ़ाने के लिए करेगी। पेट्रोल और डीजल पर सरकार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाएगी। इस रणनीति पर अब काम हो रहा है।

क्या है कारण
सूत्रों का कहना है कि कोरोना के चलते विनिवेश से धन उगाहने के कार्यक्रम में सुस्ती आ गई है। सरकार ने इस साल विनिवेश के जरिए एक लाख करोड़ रुपये उगाहने का लक्ष्य रखा था, मगर अभी वह लक्ष्य से करीब 30 से 40 पर्सेंट दूर है। इसके टैक्स कलेक्शन में कुछ कमी आने की आशंका है। ऐसे में इसकी भरपाई के लिए उसे अन्य सोर्स के जरिए कहीं पैसा जुटाने की जरूरत है।

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