तीन मादा हाथियों की मौत की जांच के लिए पांच सदस्यीय राज्यस्तरीय जांच समिति का गठन

रायपुर
छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में तीन मादा हाथियों की मौत की जांच के लिए पांच सदस्यीय राज्यस्तरीय जांच समिति का गठन किया है. समिति को 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट देना है. राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि राज्य में तीन मादा हाथियों की असामयिक मृत्यु को देखते हुए इसकी विस्तृत जांच का निर्देश दिया है. खास बात यह है कि तीनों हथिनियों की मौत तीन दिन के अंदर हुई है.

अधिकारियों ने बताया कि घटना की विस्तृत जांच के लिए सेवानिवृत्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक केसी बेवर्ता की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय राज्यस्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है. शासन ने समिति को 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि वन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार जांच समिति में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) अरुण पांडे को सचिव बनाया गया है. जांच समिति के सदस्यों में वरिष्ठ पशु चिकित्सक (वन्य जीव) राकेश वर्मा, वन्य जीव विशेषज्ञ आरपी मिश्रा और वरष्ठि अधिवक्ता देवा देवांगन को शामिल किया गया है. इधर राज्य के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि इस मामले को वन विभाग ने पूरी गंभीरता से लिया है. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के सूरजपुर वन मण्डल में दो और बलरामपुर वन मण्डल में एक मादा मादा हाथी की मृत्यु हो गई थी.

बता दें कि सूरजपुर के जंगलों में सबसे पहले मंगलवार को एक गर्भवती हथिनी (Pregnant Elephant) की संदेहास्पद स्थित में मौत हो गई थी. असपास के लोगों का कहना था कि उस हथिनी की प्रसव पीड़ा से कराहने की आवाजें रातभर सुनी गई थीं. लेकिन गर्भवती हथिनी की प्रसव पीड़ा की आवाजें वन विभाग के कानों तक नहीं पहुंची. वहीं, बुधवार को फिर जब एक और हथिनी का शव उसी जंगल में मिला तो वन विभाग ने फिर पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का हवाला देते हुए पल्ला झा दिया था. इसके बाद एक और हथिनी ने दम तोड़ दिया. यही वजह है कि जांच समिति गठित की गई.

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