तीन तलाक पर आजाद बोले- मुस्लिम देशों में गर्दन काटने का भी कानून, सरकार लाएगी?

 
नई दिल्ली 

राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर तीखी बहस चली. ये बिल 26 जुलाई को लोकसभा से पास हो चुका है. इस बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. सदन में तीन तलाक बिल पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मुस्लिम परिवारों को तोड़ना इस बिल का असल मकसद है.

आजाद ने कहा कि कई इस्लामी देशों में तो गर्दन काटने का भी कानून है, आप वहां से वो कानून भी लेकर आएंगे क्या? उन्होंने कहा कि हमारा मुल्क किसी मुस्लिम मुल्क का मोहताज नहीं है और न ही किसी मुस्लिम के कहने से चलता है. देश के मुस्लिमों को देश पर गौरव है और हजारों सालों के साथ मिलकर रहते हैं. न हम मुस्लिम देशों की नकल करते हैं और न उनकी सोच रखते हैं.

राज्यसभा में आजाद ने कहा कि यहां के मुसलमानों की तुलना किसी दूसरे मुल्क के मुसलमानों से नहीं करिए, क्योंकि उनमें जो खामियां हैं, वो हमारे देश के मुस्लिमों में नहीं आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने क्रिमिनल लॉ के बारे में तो नहीं बोला था. सरकार ने क्या अब तक अल्पमत वाले फैसलों को लागू किया है.

उन्होंने कहा कि सरकार मुस्लिम महिलाओं के नाम मुसलमानों को निशाना बना रही है. न रहेगा बांस, न बजेगी बांसुरी. अब इस बिल के जरिए सरकार घर से चिराग से ही घर में आग लगाना चाहती है. घर भी जल जाएगा और किसी को आपत्ति भी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि दो समुदायों की लड़ाई में केस बनता है, लेकिन बिजली के शॉट सर्किट में किसी के जलने पर कोई केस नहीं बनता है.

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि आपने हमारी आपत्तियों को हटाया नहीं है, थोड़ी-बहुत सर्जरी जरूर की है. उन्होंने कहा कि इस्लाम में शादी सिविल अनुबंध है, जिसे आप क्रिमिनल शक्ल दे रहे हैं. वॉरंट के बैगर पुलिस को जेल में डालने का हक दे रहे हैं. साथ ही तीन साल की सजा, भत्ता और बच्चों-बीवी का ख्याल रखने का प्रावधान भी आपने बिल में डाल दिया है. अगर किसी पति को सजा होती है तो क्या महिलाओं को सरकार अपनी तरफ से पैसा देगी, लेकिन सरकार इसके लिए राजी नहीं है. आप एक पैसा नहीं देंगे, लेकिन उसके पति को जेल में डालने के लिए तैयार हैं.

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लिंचिंग के लिए भी कानून बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, लेकिन क्या आपने बनाया. कोर्ट के फैसले जब आपको ठीक लगते हैं तो ही आप लाते हैं. आजाद ने कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट के कहने पर जब तीन तलाक खत्म हो गया तो आप किसी बात की सजा दे रहे हैं. तीन तलाक कहने पर कुछ हुआ ही नहीं तो सजा किस बात की?

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