ताकतवर होकर अपने खोए साम्राज्य को पाने के लिए कोर एरिया पहुंचा सुल्तान

जबलपुर
मध्य प्रधेश में कान्हा नेशनल पार्क की शान कहे जाने वाला उम्रदराज सुल्तान बाघ मुन्ना एक साल बाद फिर वापस आ गया है. मुन्ना ने अब बफर जोन छोड़ दिया है और कोर एरिया में फिर से दस्तक दे दी है. एक बार फिर अब मुन्ना की दहाड़ से कान्हा गूंजने वाला है. कुछ पर्यटकों ने कान्हा बंद होने से पहले मुन्ना को देखा था, जिसके बाद पर्यटकों में अब उसे फिर से देखने को लेकर खासा उत्साह है.

दरअसल, 16 वर्षीय मुन्ना उम्रदराज होने पर वर्चस्व की लड़ाई में हारकर घायल हो गया था. इसके बाद साल 2018 में उसने अपने क्षेत्र को छोड़ दिया था. इससे पहले मुन्ना (बाघ) का किसली, सरही और कान्हा क्षेत्र में अपना साम्राज्य था. तब इसकी दहाड़ से जंगल गूंज उठता था. इसने पार्क में एक छत्र राज्य किया है. इसके आसपास कोई जानवर नहीं भटकता था, जिस कारण इसे कान्हा का 'सुल्तान' भी कहा जाता है.

लिहाजा, अब एक बार फिर ताकतवर होकर अपने खोए साम्राज्य को पाने के लिए कोर एरिया पहुंच गया है. मुन्ना नर बाघ के माथे पर जन्मजात सीएटी केट लिखा हुआ है. इसके चलते इसकी पहचान सबसे अलग है. सबसे बड़ी बात यह है कि मुन्ना पर्यटकों को देखकर जंगल में छुपता नहीं है बल्कि उन्हें कैमरे में कैद करने और वीडियो बनाने का पूरा मौका देता है. बता दें कि मुन्ना (बाघ) फोटो खिंचवाने का शौकीन है. कुछ पर्यटकों ने इसका वीडियो भी बनाकर अपने कैमरे में कैद किया है.

जिप्सी वाहन के आगे-आगे चलना उसके लिए आम बात है. इसलिए यह देशी पर्यटकों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों का चहेता बना हुआ है. इसलिए अब कहा जा रहा है कि "मुन्ना इज बैक."

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