तबादले के महीने भर बाद भी रिलीव नहीं किया, निकल रही ज्वाइनिंग की तारीख

खंडवा
कमलनाथ सरकार (Kamalnath Government) में तबादलों (Transfer) के बाद रिलीविंग आदेश के लिए खंडवा (Khandwa) के शिक्षकों  सरकारी कार्यालयों में दिनभर चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.  तबादले के एक महीने बाद भी इन्हें रिलीविंग आदेश नहीं मिले हैं. ज्वाइनिंग की तारीख भी निकल रही है. अपने भविष्य की चिंता में कुछ महिला शिक्षक तो अपने बच्चों के साथ आईं हैं. जब रात तक उन्हें रिलीविंग नहीं मिली तो कुछ शिक्षक आदिवासी विकास विभाग कार्यालय में ही सो गए. ये हालात तब हैं जब तबादला आदेश को एक महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है.

शिक्षक आदर्श समाज का निर्माता होता है, जिनके साए में न जाने कितने IAS, IPS तैयार होकर देश का गौरव बढाते हैं. लेकिन इन्हीं शिक्षकों को तबादले के बाद रिलीविंग आदेश के लिए सुबह से शाम तक जिला पंचायत, कलेक्टर कार्यालय तो कभी शिक्षा विभाग के कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. खंडवा से बाहर के जिलों में इन शिक्षक-शिक्षिकाओं के तबादले होने के बाद ये आदिवासी विकास विभाग कार्यालय में गुरूवार को दिनभर अपने-अपने रिलीविंग आदेश लेने के लिए भटकते रहे.

इसके बावजूद रात्रि तक जब इन्हें आदेश नहीं दिया गया तब थक-हारकर इन शिक्षकों ने खाना खाने के बाद रात्रि में यहीं डेरा डाल दिया. कुछ शिक्षक थकान के कारण हारकर आदिवासी विकास विभाग के कार्यालय में ही सो गए. कुछ शिक्षिकाएं भी थीं जो अपने-अपने बच्चों को लेकर परेशान हो रही थीं.

शिक्षकों का कहना है की इनके तबादले को पिछले एक महीने से भी ज्यादा हो गया इसके बावजूद अबतक इन्हें अबतक रिलीविंग आदेश नहीं मिल पाए. जबकि स्थानांतरित स्थानों पर 25 सितंबर को ज्वाइन करने की आखिरी तारीख थी. लिहाजा अब शिक्षक अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. बहरहाल, शिक्षकों के नाम पर आप भले हीं हर वर्ष उन्हें शिक्षक दिवस पर सम्मान देते हैं लेकिन अपने हक के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाते इन शिक्षकों की स्थिति देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है की अपने दर्द से आहत ये शिक्षक समाज का निर्माता भला कैसे बन पायेंगे.

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