डेविस कप के लिये टीम पाकिस्तान भेज सकता है एआईटीए, जल्द शुरू करेगा वीजा प्रक्रिया

नयी दिल्ली
अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने मंगलवार को अपने खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के लिये पाकिस्तानी वीजा हासिल करने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया जिससे संकेत मिलते हैं कि अगर आईटीएफ इस मुकाबले को तटस्थ स्थान पर करवाने की उसकी मांग को नामंजूर कर देता है तो वह अगले महीने के डेविस कप मैच के लिये टीम को पड़ोसी देश भेज सकता है। यह भी पता चला है कि एआईटीए किसी भी खिलाड़ी पर पाकिस्तान का दौरा करने के लिये दबाव नहीं बनाएगा और वह यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) से निलंबन, रेलीगेशन और जुर्माने से बचने के लिये दूसरे दर्जे की टीम भेजने को भी तैयार है। अगर आईटीएफ मुकाबले को किसी तटस्थ स्थान पर करवाता है तो प्रजनेश गुणेश्वरन को छोड़कर सभी शीर्ष खिलाड़ी इसके लिये उपलब्ध रहेंगे। 

प्रजनेश की मुकाबले के पहले दिन यानि 29 नवंबर को शादी है। यह मुकाबला पहले इस्लामाबाद में 14-15 सितंबर को होना था लेकिन आईटीएफ ने सुरक्षा की समीक्षा करने के बाद इसे 29-30 नवंबर तक टाल दिया था। एआईटीए सुरक्षा चिंताओं का हवाला देकर मुकाबले को किसी तटस्थ स्थल पर करवाने के लिये लगातार विश्व संस्था को लिख रहा है। एआईटीए के पदाधिकारियों ने मंगलवार को डीएलटीए में बैठक की जिसमें गैरखिलाड़ी कप्तान महेश भूपति ने भी हिस्सा लिया। इसमें वीजा प्रक्रिया शुरू करने और तटस्थ स्थल की मांग जारी रखने का फैसला किया गया। एआईटीए के महासचिव हिरणमय चटर्जी ने पीटीआई से कहा, ‘‘हम आईटीएफ से अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे हैं और उसके अनुसार ही फैसला करेंगे लेकिन अभी हमें वीजा प्रक्रिया शुरू करनी होगी।’’ 

आईटीएफ ने अपने हाल के जवाब में एआईटीए को बताया था कि डेविस कप समिति अगले महीने के शुरू में सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट मिलने के बाद ही फैसला करेगी। श्रीलंका क्रिकेट टीम के पाकिस्तान दौरे के बाद लगता है कि आईटीएफ वहां की सुरक्षा स्थिति को लेकर आश्वस्त लगता है। आईटीएफ चार नवंबर को फैसला कर सकता है और उस आधार पर एआईटीए निर्णय लेगा। कुछ खिलाड़ी तथा गैर खिलाड़ी कप्तान भूपति पाकिस्तान का दौरा करने को लेकर अपनी आशंका व्यक्त कर चुके हैं। भूपति ने कहा कि आईटीएफ को अगर इस्लामाबाद सुरक्षित लगता है तो उसे भारतीय टीम की जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने कहा, ‘‘आज की बैठक में फैसला किया गया कि हम क्या रुख अपना रहे हैं। 

एआईटीए खिलाड़ियों की आशंकाओं को समझता है। वे भी खिलाड़ियों के साथ हैं। उनका भी मानना है कि किसी को विशेषकर आईटीएफ को सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी होगी। अगर आईटीएफ चाहता है कि हम इस्लामाबाद का दौरा करें तो उसे सुरक्षा की जिम्मेदारी भी लेनी चाहिए। ’’ इस बीच सूत्रों ने बताया कि अगर तटस्थ स्थल नहीं मिलता है तो एआईटीए आईटीएफ के फैसले के खिलाफ जाने के मूड में नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘अगले 20 दिन में काफी कुछ बदल सकता है। लेकिन एआईटीए को टीम भेजनी होगी क्योंकि एआईटीए मुकाबले से हटकर जुर्माने की मोटी धनराशि नहीं भर सकता। यह कम से कम एक करोड़ रुपये होगा। टीम को निलंबित और रेलीगेट किया जा सकता है। ऐसे में आज हम जिस स्थिति में हैं वहां तक पहुंचने में चार साल लग जाएंगे। ’’ सूत्रों ने कहा, ‘‘यह भविष्य के खिलाड़ियों के लिये अच्छा नहीं है और सभी खिलाड़ियों ने पाकिस्तान का दौरा करने से मना नहीं किया है। कुछ खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ के सदस्य पाकिस्तान का दौरा कर सकते हैं। ’’ पता चला है कि एआईटीए ने पहले वीजा के लिये 26 लोगों की सूची तैयार की थी जिसमें खिलाड़ी, सहयोगी स्टाफ के सदस्य और अधिकारी शामिल हैं। एआईटीएफ चार नवंबर के बाद चयन प्रक्रिया शुरू करेगा।

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